नई दिल्ली : भारत ने चीन के 47 और एप्स बैन करने का फैसला किया है. दरअसल ये एप्स कुछ समय पहले बैन किए गए एप्स के क्लोन के तौर पर काम कर रहे थे. सरकार ने इससे पूर्व 59 एप्स बैन किए थे. इसमें अधिकांश जून में प्रतिबंधित किए गए एप के क्लोन हैं. जिसमें टिक-टॉक लाइट और कैंस्कैनर एडवांस शामिल हैं.
सूत्रों के अनुसार शुक्रवार को आदेश जारी किया गया था. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार एप स्टोर से एप हटा दिए गए हैं. जल्दी ही सूची जारी की जाएगी.
आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को जी 20 डिजिटल अर्थव्यवस्था मंत्रियों की आभासी बैठक में 'डेटा संप्रभुता' के महत्व पर जोर दिया.
पहले से प्रतिबंधित एप्स की सूची रिपोर्ट के मुताबिक ये एप्स चीन के साथ कथित तौर पर डेटा शेयर कर रहे हैं और इस वजह से सरकारी एजेंसियां इनका रिव्यू कर रही हैं. फिलहाल सरकार की तरफ से नए एप्स बैन को लेकर कोई स्टेटमेंट जारी नहीं किया गया है.
इससे पहले गत माह 29 जून को केंद्र सरकार ने अलग-अलग तरीके के 59 मोबाइल एप को देश की संप्रभुता, अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए पूर्वाग्रह रखने वाला बताते हुए उन पर प्रतिबंध लगा दिया था. इनमें टिक टॉक, शेयरइट और वीचैट जैसे चीनी एप भी शामिल थे.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने अपने बयान में कहा था कि उसे विभिन्न स्रोतों से कई शिकायतें मिली हैं, जिनमें एंड्रॉएड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कुछ मोबाइल एप के दुरुपयोग के बारे में कई रिपोर्ट शामिल हैं. इससे जुड़ी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यह एप 'उपयोगकर्ताओं के डेटा को चुराकर, उन्हें भारत के बाहर स्थित सर्वर को अनधिकृत तरीके से भेजते हैं.'
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मंत्रालय के बयान में कहा गया था कि 'भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति शत्रुता रखने वाले तत्वों द्वारा इन आंकड़ों का संकलन, इसकी जांच-पड़ताल और प्रोफाइलिंग, आखिरकार भारत की संप्रभुता और अखंडता पर आधात है, यह बहुत अधिक चिंता का विषय है, जिसके लिए आपातकालीन उपायों की जरूरत है. ऐसे एप भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा हैं, भारत सरकार ने मोबाइल और गैर-मोबाइल इंटरनेट सक्षम उपकरणों में उपयोग किए जाने वाले कुछ एप के इस्तेमाल को बंद करने का निर्णय लिया है.'