नई दिल्ली : भारत और जापान ने क्षेत्र में नियंत्रण बढ़ाने के चीन के प्रयासों की पृष्ठभूमि में तनाव बढ़ाने वाली किसी भी गतिविधि या बल प्रयोग से यथास्थिति में एकपक्षीय तरीके से बदलाव करने की किसी भी कोशिश का मंगलवार को पुरजोर विरोध किया और एक स्वतंत्र तथा खुली समुद्री व्यवस्था के महत्व को रेखांकित किया.
जापान के रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और जापान के रक्षा मंत्री नोबुओ किशी के बीच टेलीफोन पर बातचीत के दौरान क्षेत्रीय हालात से संबंधित विषय आए.
बयान में कहा गया कि दोनों मंत्रियों ने पूर्वी चीन सागर और दक्षिण चीन सागर समेत क्षेत्रीय स्थितियों पर विचारों का आदान-प्रदान किया और अपने सतत करीबी सहयोग को दोहराया.
बयान के अनुसार, इस संदर्भ में मंत्रियों ने क्षेत्र में चल रहे मौजूदा घटनाक्रमों के मद्देनजर विचारों का आदान-प्रदान करते रहने का अपना इरादा जाहिर किया और यह स्पष्ट संदेश देने पर सहमत हुए कि वे तनाव बढ़ाने वाली किसी गतिविधि से या बल प्रयोग से यथास्थिति को एकपक्षीय तरीके से बदलने की किसी भी कोशिश का पुरजोर विरोध करते हैं.
भारत के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि दोनों मंत्रियों ने क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति पर तथा कानून की व्यवस्था पर स्वतंत्र एवं खुली समुद्री व्यवस्था की जरूरत पर विचारों का आदान-प्रदान किया.