नई दिल्ली : फ्रांस ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) शुरू करने की भारतीय पहल को एक 'राजनीतिक परियोजना' करार दिया है. फ्रांस के अनुसार जलवायु परिवर्तन से लड़ने की इस परियोजना ने दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत किया है.
दरअसल नई दिल्ली में फ्रांस की पारिस्थितिक और समावेशी राज्य मंत्री ब्रुइन पॉयरसन ने बयान दिया. पॉयरसन ने कहा कि जलवायु परिवर्तन शमन पर 2015 के पेरिस समझौते से वाशिंगटन के हटने के बाद, भारत और फ्रांस जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
पॉयरसन ने आईएसए की दूसरे आयोजन की रूपरेखा तैयार करने के दौरान कहा, 'अमेरिका पेरिस समझौते को छोड़ने वाला है, उसे इसका पछतावा होगा और अब यह हमें उम्मीद देता है कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ने के लिए हमारे पास एक बहुत ही मजबूत साथी भारत है. यह एक राजनीतिक परियोजना है.'
नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने पॉयरसन के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त देते हुए कहा कि आईएसए का गठन वैश्विक भाईचारे के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.
सिंह ने कहा, 'भारत और फ्रांस द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए आईएसए की स्थापना की गयी थी. जलवायु परिवर्तन हमारे लिए एक चुनौती है और हमें उम्मीद है कि आईएसए में प्रयासों से हम जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ने में सक्षम होंगे.'
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जलवायु परिवर्तन शमन पर 2015 का पेरिस समझौता
बता दें कि 2017 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने घोषणा की थी कि अमेरिका जलवायु परिवर्तन 2015 पेरिस समझौते में भागीदारी कम करेगा, क्योंकि अमेरिका अपने व्यापारी और श्रमिकों को मदद करेगा. हालांकि अमेरिका के इस निर्णय ने एक वैश्विक बहस शुरू कर दी थी.
बता दें कि 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रेंकोइस हॉलैंड ने पेरिस में संधि के दौरान अंतर सरकारी संगठन आईएसए का शुभारंभ किया था.
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