नई दिल्ली : दुनिया की राजनीति पर हो रहे भारत के वैश्विक सम्मेलन 'रायसीना डायलॉग' रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में स्थायी सदस्यता देनी चाहिए. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि विकासशील देशों को यूएनएससी में पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए. लावरोव ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत और ब्राजील की स्थायी सदस्यता की दावेदारी का समर्थन किया.
'रायसीना डायलॉग' में लावरोव ने कहा कि समानता पर आधारित लोकतांत्रिक व्यवस्था को क्रूर बल का उपयोग कर प्रभावित नहीं किया जाना चाहिए.
हिंद-प्रशांत अवधारणा पर निशाना साधते हुए कहा कि यह नई अवधारणा लाने की कोशिश मौजूदा संरचना में व्यवधान डालने और चीन को किनारे करने का प्रयास है. लावरोव ने हिंद-प्रशांत अवधारणा पर कहा कि अमेरिका, जापान और अन्य देशों की ओर से की जा रही नई हिंद-प्रशांत अवधारणा लाने की कोशिश मौजूदा संरचना को नया आकार देने का प्रयास है.
उन्होंने कहा, 'हमें एशिया प्रशांत को हिंद प्रशांत कहने की क्या जरूरत है? जवाब स्पष्ट है, ताकि चीन को बाहर किया जा सके. शब्दावली जोड़ने वाली होनी चाहिए, विभाजनकारी नहीं . ना तो एससीओ और ना ही ब्रिक्स किसी को अलग-थलग करता है.'
उन्होंने कहा, 'जब हम हिंद-प्रशांत के पहलकर्ताओं से पूछते है कि यह एशिया प्रशांत से अलग क्यों है, तो हमें कहा जाता है कि यह अधिक लोकतांत्रिक है. हम ऐसा नहीं सोचते. यह तो छल है. हमें शब्दावली को लेकर सावधान होना चाहिए जो कि अच्छी लगती तो है पर है नहीं.'