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UNHRC में भारत की सलाह- कश्मीर पर बोलने से पहले अपने गिरेबां में झांके PAK

भारत की ओर से यूएनएचआरसी में स्थायी मिशन की दूसरी सचिव कुमाम मिनी देवी ने पाकिस्तान के आरोपों पर करारा जवाब दिया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को पहले बलूचिस्तान, सिंध और अन्य प्रांत में मारे जा रहे लोगों के मामले देखने चाहिए. उन्होंने पाकिस्तान को पहले अपने गिरेबां में झांकने की नसीहत दी है. पढे़ं विस्तार से...

यूएनएचआरसी में स्थायी मिशन की दूसरी सचिव कुमाम मिनी देवी

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Published : Sep 14, 2019, 1:06 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 1:52 PM IST

जिनेवा: भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संगठन (यूएनएचआरसी) में पाकिस्तान को करारा जवाब दिया. भारत ने पाकिस्तान को पहले अपने गिरेबां में झांकने की नसीहत दी है.

दरअसल भारत की ओर से यूएनएचआरसी में स्थायी मिशन की दूसरी सचिव कुमाम मिनी देवी ने पाकिस्तानी आरोपों पर जवाब दिया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को पहले बलूचिस्तान, सिंध और अन्य प्रांत में गायब हो रही गैर-न्यायिक हत्याओं के मामले देखने चाहिए.

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग के 42वें सत्र में कुमाम देवी ने कहा, 'यह आश्चर्य की बात नहीं है कि पाकिस्तान तथ्यों और झूठे बयानों की गलत व्याख्या कर रहा है. पाकिस्तान को खुद के अंदर देखने की सलाह देंगे. नागरिकों को लापता कर गैर-न्यायिक हत्याओं के लाखों मामलें हैं. विशेष रूप से पाक अधिकृत कश्मीर, खैबर पख्तूनख्वा, बलूचिस्तान और सिंध में.'

कुमाम ने कहा कि कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान की झूठी कहानी इस तथ्य को नहीं बदलेगी कि अनुच्छेद 370 का निरस्त करना पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है.

पढ़ें- UN में भारतीय राजनयिक ने पाकिस्तान का 'मुंह' किया बंद

राजनयिक ने कहा कि कश्मीर मामले पर पाक की बौखलाहट इसलिए भी है कि क्यों कि अब पाक को सीमापार से आतंकियों को भेजने में परेशानी हो रही है.

उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान को स्वतंत्र भारत के 70 वर्षों का इतिहास देखकर बोलना चाहिए. साथ ही उन्होंने पाकिस्तान को अपने स्वयं के मानवाधिकार रिकॉर्ड, सैन्य तख्तापलट, बेशर्म लोकतंत्र, राजनीतिक हत्याओं को देखने की सलाह दी.

बता दें, जब से भारत ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त किया है, तब से पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की असफल कोशिश कर रहा है. हालांकि भारत ने अपनी ओर से हर मंच पर सुनिश्चित किया है कि यह मुद्दा भारत का सिर्फ आंतरिक मामला है.

Last Updated : Sep 30, 2019, 1:52 PM IST

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