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जम्मू-कश्मीर में 2018 में 328 बार आतंकवादी घुसपैठ की कोशिश: गृह मंत्रालय

गृह मंत्रालय ने 25 अक्टूबर को एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें पता चला है कि जम्मू-कश्मीर में 2018 के दौरान पिछले पांच साल के दौरान सरहद पार से सबसे ज्यादा घुसपैठ हुई हैं. साथ ही 2018 में पिछले 5 सालों में सबसे ज्यादा सुरक्षाकर्मी, आम नागरिक और आतंकियों की जान गई है.

सांकेतिक चित्र

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Published : Oct 26, 2019, 7:02 PM IST

नई दिल्ली : गृह मंत्रालय द्वारा जारी किये गए एक आंकड़े में , जम्मू-कश्मीर में सरहद पार से आतंकी संगठनो ने 2018 में घुसपैठ करने की 328 बार कोशिश की. आतंकी इन 328 कोशिशों में 143 बार सफलतापूर्वक घुसपैठ करने में कामयाब रहे. यह आंकड़े पिछले पांच साल में सबसे ज्यादा हैं.

मंत्रालय शुक्रवार को उपलब्ध 2018-19 की रिपोर्ट में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर में बीते साल 257 आतंकवादी मारे गए और 91 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए, जो बीते पांच साल में सर्वाधिक है.

रिपोर्ट के अनुसार इस अवधि के दौरान 39 आम लोगों की भी मौत हुई.

रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों ने 2018 में 328 बार जम्मू-कश्मीर में घुसने की कोशिश की, जिनमें से 143 प्रयासों में वे सफल रहे.

रिपोर्ट के अनुसार 2017 में घुसपैठ के 419 प्रयास किये गए, जिनमें से 136 सफल रहे. 2016 में ऐसी 371 कोशिशें की गईं, जिनमें से 119 सफल रहीं.

वहीं 2015 में 121 बार घुसपैठ का प्रयास किया गया, जिनमें से 33 में उन्हें सफलता मिली. 2014 में 222 बार घुसपैठ की कोशिश हुई और 65 कोशिशें सफल रहीं.

पढ़ें -जम्मू-कश्मीर : बालाकोट सेक्टर में पाकिस्तान ने फिर की गोलाबारी

रिपोर्ट के अनुसार 2018 में जम्मू-कश्मीर में हुई 614 आतंकी घटनाओं में कुल 257 आतंकवादी मारे गए, 91 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए और 39 लोगों की जान चली गई.

रिपोर्ट के अनुसार जम्मू-कश्मीर में 2018 में सुरक्षाकर्मियों की शहादत, आतंकवादियों के ढेर होने और आतंकी घटनाओं के आंकड़े बीते पांच साल में सबसे ज्यादा रहे.

वहीं 2017 में 342 आतंकी घटनाएं हुईं, जिनमें 213 आतंकवादी मारे गए, 80 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए और 40 नागरिकों की मौत हुई.

इसी प्रकार 2016 में हुईं 322 आतंकी घटनाओं में 150 आतंकवादी मारे गए, 82 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए और 15 आम लोगों की मौत हुई जबकि 2015 में 208 आतंकी घटनाएं हुईं, जिनमें 108 आतंकवादी मारे गए, 39 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए और 17 लोगों की जान गई.

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2014 में जम्मू-कश्मीर 222 आतंकी घटनाएं हुईं, जिनमें 110 आतंकवादी ढेर हुए, 47 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए और 28 आम लोगों की मौत हुई.

गृह मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है, "जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की शुरुआत (1990 में) के बाद से 31 मार्च 2019 तक 14,024 लोगों की मौत हो चुकी है और 5,273 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं.

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