भुवनेश्वर: हिन्दू समाज की मान्यताओं के अनुसार भगवान को तुलसी की पत्तियां बहुत पसंद हैं. इन पवित्र पत्तियों का भगवान की पूजा में अहम हिस्सा होता है. ओडिशा के पुरी के जगन्नाथ भगवान को भी तुलसी के पत्ते विशेष रूप से पसंद हैं. भगवान जगन्नाथ की पूजा में तुलसी की पत्तियां चढ़ाना आवश्यक होता है.
भगवान जगन्नाथ को सजाने के दौरान इन पत्तियों के उपयोग को देखा जा सकता है. उनके सिर पर पत्ते रखे जाते हैं और उसे महाप्रसाद (प्रसाद) में भी डाला जाता है. तुलसी की पत्तियों के बिना भगवान के किसी भी अनुष्ठान को पूरा नहीं किया जा सकता है. इसलिए भगवान जगन्नाथ को तुलसी प्रेमी भगवान का दर्जा प्राप्त है. इसी वजह से तुलसी की पत्तियों ने भगवान की भक्ति में एक विशेष स्थान प्राप्त कर लिया है.
तुलसी की पत्तियों के साथ-साथ इन पत्तों से बनी मालाएं भगवान जगन्नाथ को अर्पित की जाती हैं. तुलसी की पत्तियों के बिना पके हुए चावल (महाप्रसाद) को भगवान के सामने नहीं परोसा जा सकता है. यह पत्तियां सभी फूलों के आभूषणों का अनिवार्य हिस्सा होती हैं.
अनासरा गृह में नहीं चढ़ती पत्तियां
वहीं 'अनासरा गृह' (मंदिर में एकांत कक्ष जहां एक पखवाड़े तक उनका गुप्त उपचार किया जाता है) में रहने के दौरान भगवान जगन्नाथ को तुलसी की पत्तियां नहीं चढ़ाई जाती हैं. 'अनसार गृह' में 11 दिन बिताने के बाद उन्हें तुलसी की पत्तियां चढ़ाई जाती हैं.