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कोरोना वायरस की वजह से अर्थव्यवस्था पर मामूली प्रभाव पड़ेगा : मुख्य आर्थिक सलाहकार - Krishnamurthy Subramanian

चीन में कोरोना वायरस से अब तक 200 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. एहतियात के तौर पर विश्वभर के देशों ने कदम उठाए हैं. चीन से कई भारतीय लोगों को वापस लेकर आया गया है. इस मुश्किल समय में राहत की बात यह है कि कोरोना वायरस से भारत और चीन के बीच आर्थिक संबंधों पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा. पढ़ें पूरी खबर...

Chief Economic Advisor
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Published : Jan 31, 2020, 11:59 PM IST

Updated : Feb 28, 2020, 5:50 PM IST

नई दिल्ली : कोरोना वायरस ने चीन में तबाही मचा रखी है. अब तक करीब 200 लोगों की जान जा चुकी है. 9000 लोगों को प्रभावित घोषित किया जा चुका है. भारत ने भी एहतियाती कदम उठाए हैं. चीन से जो भी लोग यहां आए हैं, उनकी जांच की गई है. अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या इससे भारत और चीन के बीच आर्थिक संबंधों पर भी कोई असर पड़ेगा. क्या आर्थिक गतिविधियों की गति धीमी होगी. इसका जवाब है नहीं. और कहीं असर भी पड़ेगा, तो वह बहुत ही सीमित होगा.

एक सवाल के जवाब में मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने कहा कि पिछले अनुभव के आधार पर बता सकता हूं, कि इसका असर बहुत ही मामूली होगा. अभी भारत और चीन के बीच करीब 90 बि. डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार होता है.

चीन और दक्षिण पूर्व एशिया कई प्रकार के वायरस से पहले भी प्रभावित हुए हैं. इसकी शुरुआत 1997 में बर्ड फ्लू के मामलों से हुई थी और फिर 2002-03 में गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम के कारण वायरस का एक अलग स्तर आया. 2018 में देश में स्वाइन फ्लू का प्रकोप भी हुआ, जिसने इसके पोर्क उद्योग को बुरी तरह प्रभावित किया था.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस के प्रकोप को पहले ही वैश्विक महामारी घोषित कर दिया है, क्योंकि इसने अकेले चीन में 200 से अधिक लोगों की जान ले ली है और वायरस संक्रमण के 9000 से अधिक पुष्टि वाले मामले हैं.

पढ़ें-कोरोना वायरस के 3 संदिग्ध मामलों की आई रिपोर्ट, नेगेटिव मिले सैंपल

भारत ने अपने लोगों को चीन से निकालना शुरू कर दिया है और भारतीय सेना और ITBP ने चीन से लौटने वाले लोगों के लिए दिल्ली के पास अलगाव सुविधाएं स्थापित की हैं.

हाल ही में चीन से लौटे केरल के एक छात्र का कोरोना वायरस संक्रमण के लिए सकारात्मक परीक्षण किया गया और उसे त्रिशूर के एक अस्पताल में अलग कर दिया गया है.

भारतीय अधिकारियों ने उन लोगों के साथ संपर्क स्थापित किया है जो हाल के दिनों में चीन गए हैं और भारतीयों को देश से निकालने के लिए तैयार हैं. हालांकि, बीमारी का प्रकोप भारतीय अर्थव्यवस्था को बहुत प्रभावित करने की संभावना नहीं है.

भारत ज्यादातर चीन को कच्चे माल और खनिजों का निर्यात करता है और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं, मशीनरी, रसायनों और प्लास्टिक वस्तुओं का आयात करता है.

अन्य देशों के विपरीत, चीन के साथ भारत के कृषि और पॉल्ट्री उत्पादों का द्विपक्षीय व्यापार बेहद सीमित है जो कि कोरोना वायरस स्ट्रैंड को अधिक जोखिम दे सकता है. कोरोना वायरस की वजह से ही बर्ड फ्लू और स्वाइन फ्लू जैसी बीमारी फैली थी.

Last Updated : Feb 28, 2020, 5:50 PM IST

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