नई दिल्ली : आईएमएफ ने अपनी ताजा रिपोर्ट में वैश्विक आर्थिक विकास दर अनुमान में कटौती की है. आईएमएफ ने भारत की विकास दर के अपने अनुमान में इस भारी कटौती की वजह देश की घरेलू मांग में काफी नरमी बताई है.
वैश्विक संस्था के अनुसार घरेलू मांग काफी कमजोर रहने और गैर-बैंकिंग वित्तीय क्षेत्र के दबाव में होने के कारण चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक विकास दर घटकर 4.8 फीसदी रह सकती है.
आईएमएफ ने हालांकि अगले साल आर्थिक सुस्ती दूर होने से विकास दर में वृद्धि की उम्मीद जताई है.
आईएमएफ के अनुसार, भारत की आर्थिक विकास दर अगले साल 2020 में 5.8 फीसदी और 2021 में 6.5 फीसदी रह सकती है.
आईएमएफ ने अपनी ताजा रिपोर्ट में वैश्विक आर्थिक विकास दर अनुमान में भी कटौती की है. एमएमएफ के वल्र्ड इकॉनोमिक आउटलुक की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक अर्थव्यवस्था की विकास दर 2019 में 2.9 फीसदी जबकि 2020 में 3.3 फीसदी और 2021 में 3.4 फीसदी रह सकती है.
गौरतलब है कि इससे पहले विश्व बैंक ने भारत की आर्थिक विकास दर चालू वित्त वर्ष में पांच फीसदी रहने का अनुमान लगाया था. वहीं, संयुक्त राष्ट्र यानी यूएन के अनुसार, भारत की आर्थिक विकास दर चालू वित्त वर्ष में 5.7 फीसदी रह सकती है.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने सोमवार को विश्व की अर्थव्यवस्था के लिए साल 2019 के लिए विकास अनुमान को घटाकर 2.9 प्रतिशत कर दिया,