नई दिल्ली: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने कहा है कि सरकारी सेवाओं में जनता का विश्वास, विशेष रूप से उसकी स्वास्थ्य देखभाल सेवा वितरण में कम है, जिसके परिणामस्वरूप वास्तविक या काल्पनिक विश्वास है कि सरकारी स्वास्थ्य देखभाल की गुणवत्ता खराब है. आईएमए ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण पर संसदीय स्थायी समिति को अपनी रिपोर्ट महामारी कोविड-19 का प्रकोप और संबंधित आकस्मिक और शमन योजना को सौंपते हुए यह बातें कहीं.
बीमारी बढ़ने से हो जाती है मौत
आईएमए ने यह भी कहा कि प्रवास के साथ, अयोग्य और आजीविका की हानि और कलंक और भय से किसी भी स्वास्थ्य समस्या की देखभाल करने में देरी होगी, जिसके परिणामस्वरूप मध्यम और दीर्घकालिक अवधि में गैर-कोविड-19 की बामारी बढ़ जोने से मृत्यु तक हो जाती है.
सरकार नहीं उठा रही कोई कदम
IMA ने कहा कि Covid-19 ने देश के एक पहलू को मारा है जो कई दशकों से स्वास्थ्य देखभाल पर खराब खर्च के बाद पारंपरिक रूप से कमजोर है. आईएमए ने कहा कि सरकार Covid-19 से जुड़े कलंक को रोकने, कम करने या संबोधित करने के लिए कोई भी कदम नहीं उठा रही है. ये डर आम लोगों के प्रति पुलिस की बर्बरता और मीडिया द्वारा सनसनीखेज और डर पैदा करने वाली खबरों से बढ़ रहे हैं.