जेनेवा : दुनियाभर में फैली कोरोना महामारी से वर्ष 2020 की पहली छमाही कार्य घंटों की संख्या में बेहद खराब रही. दूसरी छमाही की बात करे तो इसमें भी महामारी के पहले जैसी काम के घंटों की वसूली होना मुश्किल है. इस स्थिति और बड़े पैमाने पर लोगों के रोजगार की कमी को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने चेतावनी दी है.
मॉनिटर के अनुसार कोरोना और काम की दुनिया के पांचवें संस्करण में, 2020 की दूसरी तिमाही के दौरान वैश्विक कामकाजी घंटों में 14 प्रतिशत की गिरावट आई, जो 400 मिलियन पूर्णकालिक नौकरियों के नुकसान के बराबर थी (आधारित) एक 48-घंटे काम सप्ताह).
यह पिछले मॉनिटर के अनुमान (27 मई को जारी), में 10.7 प्रतिशत की गिरावट (305 मिलियन नौकरियों) के साथ तेज वृद्धि है.
नए आंकड़े पिछले हफ्तों में कई क्षेत्रों में बिगड़ती स्थिति को दर्शाते हैं, खासकर विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में. क्षेत्रीय रूप से दूसरी तिमाही के लिए समय का नुकसान हो रहा है. अमेरिका (18.3 प्रतिशत), यूरोप और मध्य एशिया (13.9 प्रतिशत), एशिया और प्रशांत (13.5 प्रतिशत), अरब देशों (13.2 प्रतिशत), और अफ्रीका (12.1 प्रतिशत). दुनिया के अधिकांश कामगार (93 प्रतिशत) कुछ कार्यस्थल बंद करने वाले देशों में ही रहना चाहते हैं, जिनमें अमेरिका सबसे बड़े प्रतिबंधों का सामना कर रहे हैं.
2020 की द्वितीय छमाही