नई दिल्ली: भारतीय राजनीति का एक मजबूत स्तंभ आज हमारे बीच नहीं रहा. पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का आज निधन हो गया. वह 66 साल के थे. वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे.
बीते कई दिनों से जेटली एम्स में भर्ती थे. कभी हालत में सुधार होता तो कभी हालत एकदम से बिगड़ जाती. कई महीनों से बीमार जेटली को 9 अगस्त को सांस लेने में परेशानी हुई. इसके फौरन बाद उन्हे एम्स में भर्ती कराया गया.
जेटली के अस्पताल में भर्ती होने के बाद ही उन्हें देखने वालों का तांता लग गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई बड़े नेता उनका हाल जानने पहुंचे थे.
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काफी लंबे संमय से मधुमेह के कारण जेटली का वजन बढ़ने लगा था. इसके बाद उन्होंने इसका ऑपरेशन कराने का निर्णय लिया. इस बीमारी से निजात पाने के लिए साल 2014 के सितंबर माह में जेटली ने बैरिएट्रिक ऑपरेशन कराया था.
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ये ऑपरेशन भी आसानी से नहीं हुआ, मैक्स अस्पताल में ऑपरेशन कराने के बाद कई दिक्कतें सामने आने लगीं, जिसके बाद जेटली को जल्द से जल्द एम्स स्थानांतरित किया गया. इससे कुछ साल पहले जेटली ने हृदय का भी ऑपरेशन कराया था.
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कुछ सालों तक जेटली की तबियत ठीक रही. लेकिन साल 2018 के शुरुआती दिनों में ही जेटली की तबियत बिगड़ने लगी. जेटली उस समय मोदी मंत्रीमंडल में वित्त मंत्रालय संभाल रहे थे. तबियत ज्यादा बिगड़ने के बाद उन्होंने मंत्रालय आना भी बंद कर दिया था. जिसके बाद पीयूष गोयल ने वित्त मंत्री के तौर पर कार्यभार संभाला. इसी सिलसिले में वे इलाज कराने अमेरिका गए और ठीक होकर वापस लौट उन्होंने 23 अगस्त 2018 को वापस वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाला.
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खराब तबियत के चलते जेटली ने 2019 में लोकसभा चुनाव के बाद मंत्री मंडल में शामिल होने से मना कर दिया था.