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अनुसंधान निदेशालय ने विकसित की सरसों की कैंसररोधी नई किस्म

राजस्थान के भरतपुर स्थित सरसों अनुसंधान निदेशालय में सरसों की IJ-31 किस्म विकसित की गई है, जो न केवल पौष्टिक तत्वों से भरपूर है, बल्कि इसमें कैंसररोधी तत्व सर्वाधिक मात्रा में पाए जाते हैं. देखिए भरतपुर से स्पेशल रिपोर्ट...

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Published : Feb 10, 2020, 11:00 PM IST

Updated : Feb 29, 2020, 10:16 PM IST

सरसों अनुसंधान निदेशालय
सरसों अनुसंधान निदेशालय

जयपुर : राजस्थान के भरतपुर में सरसों अनुसंधान निदेशालय में सरसों की IJ-31 किस्म विकसित की गई है, जो न केवल पौष्टिक तत्वों से भरपूर है बल्कि इसमें कैंसररोधी तत्व सर्वाधिक मात्रा में पाए जाते हैं. सरसों अनुसंधान निदेशालय की केंद्रीय गुणवत्ता प्रयोगशाला में किए गए शोध में इस तथ्य का खुलासा हुआ है.

औषधीय गुणों से भरपूर है सरसों का तेल
निदेशालय के निदेशक डॉ. पीके राय ने बताया कि सरसों का तेल अन्य सभी तेलों से अधिक गुणकारी होता है. यही एकमात्र ऐसा तेल है, जिसमें सभी वसीय अम्लों का सही अनुपात पाया जाता है. उन्होंने बताया कि निदेशालय में सरसों की कई किस्में ऐसी विकसित की गई हैं. जिनमें कैंसररोधी तत्व के साथ ही हृदय को मजबूत करने वाले तत्व भी काफी अच्छे अनुपात में पाए जाते हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

कैंसर की रोकथाम में ऐसे काम करता है सरसों का तेल
निदेशालय की केंद्रीय गुणवत्ता प्रयोगशाला की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनुभूति शर्मा ने बताया कि सरसों के तेल में ग्लूकोसिलोनेट तत्व पाया जाता है. जैसे ही सरसों का तेल शरीर में जाता है तो शरीर में पहले से मौजूद माइरोसिनेसिस एंजाइम, ग्लूकोसिलोनेट तत्व को एलाइल आइसो थाइसानेट यौगिक में बदल देता है,जो कैंसररोधी तत्व है.
सरसों अनुसंधान निदेशालय की ओर से विकसित की गई IJ-31 किस्म में ग्लूकोसिलोनेट ( कैंसर रोधी तत्व) सर्वाधिक मात्रा में पाया जाता है. साथ ही RH-749 में भी वसीय अम्लों का सही अनुपात पाया जाता है.

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इन बीमारियों की रोकथाम में भी गुणकारी

  • सरसों के तेल में सर्वाधिक विटामिन और बी कॉम्प्लेक्स पाए जाते हैं,
  • जो कि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ ही संक्रमण को दूर करने में ही सहायक होते हैं.
  • सरसों के तेल में सेलेनियम और मैग्नीशियम भी अधिक मात्रा में पाए जाते हैं,
  • जो की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ ही सूजन को खत्म करते हैं.
  • सरसों के तेल में पाए जाने वाले ओमेगा-3 व ओमेगा-6 का अनुपात डायबिटीज को रोकता है.
  • सरसों के तेल में पाए जाने वाला ओमेगा-3 हृदयाघात को रोकता है.
  • मैग्नीशियम अस्थमा की रोकथाम में भी सहायक है.

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गौरतलब है कि भरतपुर में स्थित सरसों अनुसंधान निदेशालय सरसों की नई-नई किस्म को विकसित करने पर कार्य कर रहा है. यहां अब तक 8 विभिन्न प्रकार की सरसों की किस्में विकसित की जा चुकी हैं. यही वजह है कि यहां के सरसों का बीज ना केवल भरतपुर बल्कि असम, मेघालय, मणिपुर समेत देशभर के 17 राज्यों के किसानों की पसंद बना हुआ है.

Last Updated : Feb 29, 2020, 10:16 PM IST

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