शिमला : शुगर के मरीजों के लिए एक अच्छी खबर है. हिमाचल प्रदेश में आईआईटी मंडी के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि नालट्रेक्सोन साल्ट, टाइप - 2 शुगर का इलाज कर सकता है. आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ बेसिक साइंस के शोधकर्ताओं/वैज्ञानिकों ने इंसानी शरीर में डायबिटीज से सूजन पैदा करने वाले हाइपरइनसुलिनेमिया में अहम प्रोटीन अणु की पहचान की है. उनका दावा है कि इस प्रोटीन अणु को नालट्रेक्सोन साल्ट से बनी दवा के इस्तेमाल से सक्रिय किया जा सकेगा.
गौर रहे कि नाल्ट्रेक्सान साल्ट के बारे में या तो चिकित्सक बेहतर ढंग से जानते हैं या फिर वह लोग जो अफीम के नशे की लत छोड़ने के लिए इस साल्ट से बनी दवाइयों का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन हो सकता है कि भविष्य में यह साल्ट हर किसी की जुबान से सुनाई दे.
आईआईटी मंडी के वैज्ञानिकों का दावा है कि इंसुलिन पैंक्रियाज में बनने वाला हार्मोन हैं, जिसका इस्तेमाल कोशिकाएं खून से ग्लूकोज ग्रहण करने में करती हैं, लेकिन कई कारणों से कोशिकाएं इंसुलिन प्रतिरोध करने की क्षमता खो देती हैं, जिससे टाइप-2 डायबिटीज हो जाती है.