हैदराबाद :केंद्रीय शिक्षण संस्थान नए पाठ्यक्रम शुरू करने के साथ-साथ आक्रामकता से नए विभाग और अनुसंधान केंद्र स्थापित कर रहे हैं. उन्होंने कोविड-19 संकट के बावजूद काम निपटाने की गति बढ़ा दी है. कृत्रिम बुद्धि (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), रोबोटिक्स और साइबर सुरक्षा पर अध्ययन और अनुसंधान के कार्यक्रम तैयार किए गए हैं, जो रोजगार के बहुत अधिक अवसर पैदा करने के अलावा देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने अनुसंधान और विकास के लिए पर्याप्त पैसे आवंटित किए हैं. प्रोफेसरों ने बताया कि जो पुराने आईआईटी हैं, उन्होंने केवल नाम के लिए अनुसंधान करने के बजाय लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित किया है.
आईआईटी दिल्ली ने हाल ही में स्कूल ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की स्थापना की है. पीएचडी के लिए दाखिले की प्रक्रिया शुरू होने की तिथि जल्द ही घोषित की जाएगी. स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम भी शुरू करने की योजना है. इस स्कूल को डीएसटी से 170 करोड़ रुपये की राशि मिली है. वर्ष 2019 में आईआईटी दिल्ली ने लोक नीति (पब्लिक पॉलिसी) पाठ्यक्रम शुरू किया है.
आईआईटी कानपुर ने पढ़ाई और ऊर्जा निरंतरता के लिए शोध और पढ़ाई के लिए सतत ऊर्जा अभियंत्रण विभाग यानी सस्टेनेबल एनर्जी इंजीनियरिंग विभाग की स्थापना की है. शिक्षा और अत्याधुनिक अनुसंधान के लिए संस्थान ने अमेरिका के राइस यूनिवर्सिटी को साझीदार बनाया है. आईआईटी-कानपुर का दावा है कि वह अपने महत्वाकांक्षी संज्ञानात्मक विज्ञान विभाग के जरिए मानव मन और मस्तिष्क के ट्रांसडिसिप्लिनरी वैज्ञानिक अनुसंधान का पता लगाने वाला पहला आईआईटी है. आईआईटी खड़गपुर ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब की स्थापना की है. संस्थान का मकसद मानव जीवन की बेहतरी के लिए एआई और एमएल अनुसंधान का उपयोग करना है.