नई दिल्ली:आईआईटी दिल्ली के छात्रों द्वारा शाकाहारी पदार्थों से बनाए गए मॉक एग के अनोखे आविष्कार को यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम (UNDP) द्वारा आयोजित इनोवेट्स फ़ॉर एसडीजी प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार दिया गया. ऑनलाइन मिले इस सम्मान में बतौर पुरस्कार आईआईटी दिल्ली को 5000 अमेरिकी डॉलर दिए गए. बता दें कि यह मॉक एग शाकाहारी पदार्थों से बनाया गया है जो कि असली अंडे की तरह ही विकास आहार के प्रोटीन की जरूरतों को पूरा करता है. साथ ही दावा किया जा रहा है कि वह सभी स्वास्थ्य मानकों पर भी खरा उतरता है.
शाकाहारी पदार्थों से बनाया गया मॉक एग
आईआईटी दिल्ली के छात्रों ने मॉक एग का आविष्कार किया, जिसे यूएनडीपी एक्सीलरेटर लैब इंडिया द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार दिया गया. यह मॉक एग दिखने में और स्वाद में बिल्कुल असली अंडे की तरह लगता है लेकिन वह शाकाहारी पदार्थों से बनाया गया है. साथ ही प्रोटीन की कमी को पूरा करता है.
प्रोटीन का अच्छा स्त्रोत
इसका आविष्कार करने वाली आईआईटी दिल्ली के सेंटर फॉर रूरल डेवलपमेंट एंड टेक्नोलॉजी की प्रोफेसर काव्या दशोरा ने कहा कि भारत की एक बड़ी आबादी कुपोषण का शिकार है तो वहीं कई शाकाहारी लोग अंडा न खाने की वजह से स्वच्छ प्रोटीन से वंचित रह जाते हैं. इन सभी समस्याओं को देखते हुए शाकाहारी पदार्थों से असली अंडे से मिलते जुलते यह मॉक एग विकसित किए गए हैं. प्रोटीन युक्त यह मॉक एग खेत आधारित फसल से विकसित किया गया है जो न केवल अंडे की तरह दिखता है बल्कि वह खाने में भी स्वादिष्ट है और पोषण में भी वह असली अंडे के बेहद करीब है.