दिल्ली

delhi

संविधान से छेड़छाड़ की कोशिश हुई तो देश में होगा रक्तपात : सिद्धारमैया

By

Published : Oct 14, 2019, 10:24 PM IST

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपना बयान दोहराते हुए चेतावनी दी है कि संविधान में किसी भी तरह की छेड़छाड़ करने पर देश में रक्तपात होगा. देश में कुछ लोग संविधान को पंसद नहीं करते क्योंकि उसने समाज के प्रत्येक नागरिक को समान अधिकार दिया है. पढ़ें पूरी खबर...

सिद्धारमैया (फाइल फोटो)

बेंगलुरु : कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने सोमवार को चेतावानी दी कि संविधान में किसी भी तरह के बदलाव का प्रयास किया गया तो इसके खिलाफ देश में रक्तपात हो सकता है. उन्होंने इसके पहले 2018 कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान भी भी ऐसा बयान दिया था.

सिद्धारमैया ने मैसूर के टी नरसीपुरा में भारतीय संविधान के निर्माता डॉ बी.आर. आंबेडकर की एक प्रतिमा का अनावरण किया. इस दौरान उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए चेतावनी दी - 'अगर संविधान को बदलने का कोई भी प्रयास किया गया तो देश में रक्तपात होगा.'

कांग्रेस नेता ने कहा कि आंबेडकर न सिर्फ दलितों के साथ खड़े थे, वह तो जिन लोगों का शोषण किया गया, जो लोग जातिवाद से पीड़ित थे और जिन्हें अवसरों से वंचित किया गया था, आंबेडकर जी उनके साथ खड़े थे. आंबेडकर ने तो सभी समुदाय के लोगों को न्याय दिलाने के लिए ईमानदारी से काम किया था.

पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि कुछ लोग आंबेडकर का विरोध करते हैं क्योंकि उन्होंने समाज के हर नागरिक को समान अवसर देने का प्रयास किया था. उन्होंने कहा, 'कुछ लोग भारतीय संविधान को पसंद नहीं करते क्योंकि डॉ. आंबेडकर ने संविधान के जरिये निचले तबके के लोगों को समान अवसर प्रदान किया. कुछ लोग उनका विरोध करते हैं क्योंकि उन्होंने समाज में हर व्यक्ति को अवसर प्रदान किया.'

बता दें कि सिद्धारमैया ने 2018 में विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान भी कहा था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार ने संविधान को बदलने की कोशिश की तो इससे देश में रक्तपात होगा.

वस्तुतः दो साल पहले कर्नाटक से भाजपा सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने केंद्रीय मंत्री के रूप में कहा था कि भाजपा यहां संविधान बदलने के लिए आई है.

हेगड़े के इस बयान से काफी बवाल मचा, जिसके बाद उन्होंने स्पष्टीकरण देते हुए कहा था कि उनके लिए संविधान और संसद सर्वोच्च हैं.' उन्होंने तब यह भी कहा था कि देश ने संविधान और उसके निर्माता बी.आर. आंबेडकर को उच्च स्थान दिया है. उनका अनादर करने का कोई सवाल ही नहीं उठता.

ABOUT THE AUTHOR

...view details