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IAS टॉपर शाह फैसल ने JKPM से दिया इस्तीफा, जानिए राजनीतिक सफर - IAS Shah Faisal Resign

शाह फैसल जेकेपीएम (जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट पार्टी ) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. शाह फैसल पूर्व में जम्मू-कश्मीर के डायरेक्टर एजुकेशन रहे हैं. मीडिया में ऐसी खबरें चल रही हैं कि फ़ैसल फिर से प्रशासन में शामिल हो सकते हैं. लेकिन पार्टी के नेता इस बात से इनकार कर रहे हैं.

shah faisal
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Published : Aug 10, 2020, 7:33 PM IST

Updated : Aug 10, 2020, 10:20 PM IST

श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर काडर के आईएएस अफसर शाह फैसल एक बार फिर नौकरशाही में लौट सकते हैं. शाह फैसल ने पूर्व में नौकरी छोड़कर अपनी राजनीतिक पार्टी बनाई थी, जिसके बाद वह घाटी में राजनीतिक संभावनाओं की तलाश करते रहे. शाह ने 2019 में नागरिक सेवाओं को छोड़ने के पार्टी की स्थापना की थी.

जेकेपीएम (जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट पार्टी ) ने सोमवार को जारी बयान में कहा, "डॉ. शाह फैसल ने राज्य के कार्यकारी सदस्यों को सूचित किया था कि वह राजनीतिक गतिविधियों को जारी रखने की स्थिति में नहीं हैं और संगठन की जिम्मेदारियों से मुक्त होना चाहते हैं."

बयान के अनुसार समिति ने अध्यक्ष जावेद मुस्तफा मीर का इस्तीफा भी स्वीकार कर लिया और उन्हें विदाई दी. जावेद मुस्तफा मीर, जो पिछले साल पीडीपी से इस्तीफा देने के बाद JKPM में शामिल हुए थे, 5 अगस्त 2019 से घर में नजरबंद हैं.

फिर से ज्वाइन कर सकते हैं प्रशासनिक सेवा

इस बीच, मीडिया में ऐसी खबरें चल रही हैं कि फ़ैसल फिर से प्रशासन में शामिल हो सकते हैं. लेकिन पार्टी के नेता इस बात से इनकार कर रहे हैं.

जेकेपीएम के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, "फ़ैसल ने पार्टी या राजनीति नहीं छोड़ी है. उन पर घर की जिम्मेदारी है. अगर उन्होंने अपना ट्विटर बायो बदल दिया है या अपने आधिकारिक पदनाम को हटा दिया है तो इसका मतलब यह हो सकता है कि वह कुछ और करना चाह रहे हों.

जबकि फ़ैसल के ट्विटर बायो ने पहले JKPM अध्यक्ष के रूप में उनकी भूमिका का उल्लेख किया था, अब इसे बदलकर सिर्फ "एडवर्ड एस फेलो @HKS हार्वर्ड विश्वविद्यालय, मेडिको, फुलब्राइट, सेंट्रीस्ट" कर दिया गया है.

सिविल सेवा परीक्षा टॉप करने वाले पहले कश्मीरी

37 वर्षीय शाह फ़ैसल ने 2010 की सिविल सेवा परीक्षा में टॉप किया था. शाह फैसल को जम्मू-कश्मीर आईएएस काडर मिला था. सिविल सर्विस में टॉप करने वाले शाह फैसल पहले कश्मीरी थे. 2018 में वो एक साल की छुट्टी लेकर पढ़ाई के लिए अमेरिका चले गए थे. वहां से लौटने के बाद उन्होंने पॉलिटिकल पार्टी बनाने का फैसला किया.

2019 में शाह फैसल ने JKPM के नाम से पार्टी लॉन्च की, लेकिन जल्दी ही हालात बदल गए और अगस्त 2019 में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया. उमर अब्दुल्ला, फारूक अब्दुल्ला से लेकर महबूबा मुफ्ती समेत तमाम नेताओं को हिरासत में ले लिया गया. शाह फैसल को भी दिल्ली एयरपोर्ट से हिरासत में ले लिया गया. हाल ही में उन्हें छोड़ा गया है. जिसके बाद शाह फैसल ने पार्टी छोड़ने का फैसला किया है.

एक पोस्टर बॉय से लेकर एक राजनेता तक

फैसल 2010 में जम्मू-कश्मीर से प्रतिष्ठित परीक्षा टॉप करने वाले पहले उम्मीदवार बनकर पोस्टर बॉय बने. वह जल्द ही अशांत कश्मीर में आशा की एक किरण बन गए और J & K के सैकड़ों छात्रों को IAS परीक्षा में भाग लेने के लिए प्रेरित किया. फैसल शिक्षा और जेएंडके बिजली निगम सहित कई राज्य विभागों में काम किया.

पिता की आतंकियों ने कर दी थी हत्या

फैसल श्रीनगर से 90 किलोमीटर दूर उत्तरी कश्मीर के सुगम गांव के एक दूरदराज गांव के रहने वाले हैं. उनके पिता की 2002 में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.

वह पिछले साल सार्वजनिक नीति पर एक साल के पाठ्यक्रम के लिए छात्रवृत्ति पर अमेरिका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय गए थे. हाल ही में एक फेसबुक पोस्ट में फैसल ने कहा "मैं अब एक बदला हुआ आदमी हूं.”

पिछले साल 17 मार्च 2019 को फैसल ने श्रीनगर के राजबाग इलाके में एक समारोह में अपनी राजनीतिक पार्टी जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट का गठन किया. जिसमें सैकड़ों लोगों ने भाग लिया.

कश्मीरी पंडित भी कश्मीरी संस्कृति का हिस्सा

रैली को संबोधित करते हुए शाह फैसल ने कहा था कि "इस पार्टी को शुरू करने का हमारा उद्देश्य सभी धर्मों और जातियों के लोगों को एक मंच प्रदान करना है." फैसल ने यह भी कहा कि कश्मीरी पंडित भी कश्मीरी संस्कृति का हिस्सा थे और उन्हें घाटी में वापस आना चाहिए.

पढ़ेंःकश्मीर में आतंकियों की गोली से घायल भाजपा कार्यकर्ता की मौत

शाह फैसल की राजनीतिक रैली में कश्मीर घाटी के लोगों की भागीदारी देखी गई. रैली में लेह और जम्मू संभाग के प्रतिनिधिमंडल भी देखे गए. कई युवा और इच्छुक राजनेता फैसल की राजनीतिक पार्टी में शामिल हुए, उनमें से 31 वर्षीय पूर्व जवाहरलाल राष्ट्रीय विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र नेता शेहला राशिद शोरा भी हैं.

फैसल ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) जैसे सार्वजनिक संस्थानों को केंद्र सरकार में नियंत्रण में होने का आरोप लगाया था.

Last Updated : Aug 10, 2020, 10:20 PM IST

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