नई दिल्ली/इंदौर: लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने दावा किया कि उन्होंने आज तक अपनी पार्टी से मांग नहीं की है कि उन्हें चुनावी प्रत्याशी बनाया जाए. महाजन ने कहा कि उन्होंने अपने तीन दशक लम्बे संसदीय जीवन में कभी भी ऐसी मांग नहीं की है.
8 दफा लोकसभा में इंदौर की नुमाइंदगी कर चुकीं है महाजन
आपको बता दें, सुमित्रा महाजन मध्यप्रदेश के इंदौर क्षेत्र से भाजपा के टिकट की शीर्ष दावेदार मानी जाती हैं. लगातार आठ दफा लोकसभा में इंदौर की नुमाइंदगी करने वाली वरिष्ठ भाजपा नेता ने इस संदर्भ में एक अहम बयान दिया है.
भाजपा में योग्य नेताओं की कमी नहीं है- महाजन
उन्होंने कहा कि अगर इस बार उनकी उम्मीदवारी के विकल्पों पर चर्चा हो रही है तो यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि ये उनके लिए गौरव की बात है क्योंकि इससे पता चलता है कि भाजपा में योग्य नेताओं की कमी नहीं है.
'ताई' से भी मशहूर हैं महाजन
बात दें, महाजन 'ताई' (मराठी में बड़ी बहन का सम्बोधन) के नाम से मशहूर हैं. उन्होंने ये बात ऐसे समय में कही है, जब इंदौर सीट से भाजपा उम्मीदवार की घोषणा में देरी हो रही है और इस बीच अटकलों के सियासी गलियारों में कई सवाल जोर पकड़ रहे हैं. जिनमें क्या लालकृष्ण आडवाणी (91) और मुरलीमनोहर जोशी (85) सरीखे वरिष्ठतम भाजपा नेताओं की तरह महाजन को भी इस बार चुनावी समर से विश्राम दिया जायेगा? शामिल हैं.
1989 में लड़ा था पहला लोकसभा चुनाव
महाजन इसी महीने की 12 तारीख को अपनी उम्र के 76 साल पूरे करने जा रहीं हैं. महाजन ने कहा, 'सबसे पहली बात तो यह है कि जब मैंने वर्ष 1989 में इंदौर से अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था, तब भी मैंने पार्टी से टिकट नहीं मांगा था. पार्टी ने मुझे खुद टिकट दिया था. मैंने अपनी पार्टी से आज तक टिकट नहीं मांगा है.'
सुमित्रा ने साधी चुप्पी
उन्होंने कहा, 'इस प्रश्न का उत्तर तो भाजपा संगठन ही दे सकता है. हो सकता है कि उनके (भाजपा संगठन के नेताओं के) मन में कुछ बात हो. इस बारे में जब तक भाजपा संगठन कुछ नहीं बोलेगा, मैं भी कुछ नहीं कह सकती.'
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भाजपा करेगी निर्णय
उन्होंने कहा, 'मैंने भाजपा संगठन के किसी भी नेता से बात नहीं की है कि इंदौर से पार्टी के उम्मीदवार की घोषणा क्यों रोकी गयी है? हमारी पार्टी में इस तरह के सवाल नहीं किये जाते, क्योंकि उम्मीदवार तय करना हमारे संगठन का काम है. इंदौर से उम्मीदवार चयन के मामले में भाजपा संगठन उचित समय पर उचित निर्णय करेगा.'
इंदौर सीट के लिए हैं कई उम्मीदवार
गौरतलब है कि इंदौर सीट के उम्मीदवार के तौर पर उनके विकल्प के रूप में भाजपा के कुछ स्थानीय नेताओं के नाम सामने आये हैं.
इस बारे में महाजन ने कहा, 'यह (विकल्पों पर चर्चा) अच्छी बात है और स्वाभाविक प्रक्रिया भी है. (पार्टी में) बहुत सारे विकल्प होने चाहिए. इसी से पार्टी मजबूत मानी जाती है और यह भी पता चलता है कि पार्टी में इतने योग्य कार्यकर्ता हैं कि इनमें से किसी को भी टिकट दे दिया जाये, तो वह चुनाव जीत जायेगा.'
खुद को पार्टी का घटक मानती हैं महाजन
उन्होंने कहा, 'अगर इंदौर में मेरे विकल्पों की चर्चा की जा रही है, तो यह मेरे लिये गौरव की बात है क्योंकि मैं भी पार्टी की एक घटक हूं.'
फिलहाल, महाजन ने स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं की मार्गदर्शक के तौर पर चुनावी मैदान पकड़ लिया है. वह भाजपा के अभियान के तहत शहर भर में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठकें ले रही हैं. महाजन ये कार्य लोकसभा चुनावों की तैयारियों के मद्देनजर कर रही हैं.
भाजपा का है एक ही लक्ष्य
उन्होंने कहा, 'चुनाव एक व्यक्ति नहीं, बल्कि पूरी पार्टी लड़ती है. व्यक्ति (उम्मीदवार) तो सहायक की भूमिका में रहता है. अभी हमारे मन में एक ही लक्ष्य है कि लोकसभा चुनाव जीतकर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक बार फिर बहुमत वाली सरकार बनानी है.'
भाजपा के इन नामों की भी है चर्चा
बता दें, महाजन के अलावा, इंदौर लोकसभा सीट से भाजपा के चुनावी टिकट के दावेदारों के रूप में शहर की महापौर और पार्टी की स्थानीय विधायक मालिनी लक्ष्मणसिंह गौड़, भाजपा की अन्य विधायक ऊषा ठाकुर, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व विधायक भंवरसिंह शेखावत और इंदौर विकास प्राधिकरण के पूर्व चेयरमैन शंकर लालवानी के नाम चर्चा में हैं.
गौरतलब है कि इंदौर में लोकसभा चुनाव के लिए 19 मई को मतदान होना है.