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द्वितीय विश्व युद्ध : जानिए, किस देश को कितना नुकसान उठाना पड़ा

दूसरे विश्व युद्ध से मची तबाही कई कठिनाइयों का कारण बनी. ब्रिटेन की लड़ाई में एक लंबे समय तक जर्मनों ने बमबारी अभियान चलाया. इसका लक्ष्य दक्षिणी इंग्लैंड को कमजोर करना था. ब्लिट्ज के दौरान 20 लाख से अधिक घर नष्ट हो गए थे. 60 हजार नागरिक मारे गए और 87 हजार गंभीर रूप से घायल हो गए थे.

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द्वितीय विश्व युद्ध : जानें किस देश को हुआ कितना नुकसान

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Published : Sep 1, 2020, 4:11 PM IST

हैदराबाद : दूसरे विश्व युद्ध से मची तबाही कई कठिनाइयों का कारण बनी. इसमें छह करोड़ लोगों की जान चली गई. कई परिवार बेघर हो गए और न जाने कितनों परिवारों को एक दूसरे से अलग कर दिया.

ग्रेट ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली और बेल्जियम के कुछ प्रमुख औद्योगिक और सांस्कृतिक केंद्रों सहित कई शहर तबाह हो गए. इसके अलावा परिवहन के बुनियादी ढांचे जैसे रेलवे, सड़क, पुल और बंदरगाहों को हवाई हमलों के दौरान व्यापक क्षति हुई थी. कई देशों के शिपिंग बेड़े डूब गए थे.

अनुमान के मुताबिक, जर्मनी में 70% आवास खत्म हो गए थे. वहीं सोवियत संघ में 1,700 शहर और 70 हजार गांव नष्ट हो गए थे. फैक्ट्रियां और कार्यशालाएं बर्बाद हो गई थीं. कई जंगल और खेत भी नष्ट हो गए थे.

जापानियों द्वारा डाइक्स को नष्ट करने के बाद उत्तरी चीन में लाखों एकड़ जमीन बर्बाद हो गई थी. कई यूरोपीय लोग प्रतिदिन एक हजार से भी कम कैलोरी पर जीवित थे. नीदरलैंड में तो लोग ट्यूलिप बल्ब खा रहे थे.

ब्रिटेन
इस लड़ाई में ब्रिटेन को भारी आर्थिक हानि का सामना करना पड़ा था. वहीं फ्रांस को जर्मनों द्वारा तबाह कर दिया गया था. वह अपने लोगों की देखभाल करने और नागरिक समाज में अपनी सेना को फिर से संगठित करने के लिए संघर्ष कर रहे थे.

नाजियों ने जर्मन वॉर मशीन के लिए अपने कब्जे वाले यूरोप में कई संसाधनों और खेतों को सुखा दिया था. वहीं, जर्मन कारखानों और खेतों में लाखों पुरुषों और महिलाओं को जबरन मजदूरी करने से मुक्ति मिल गई.

ब्रिटेन की लड़ाई में एक लंबे समय तक जर्मनों ने बमबारी अभियान चलाया. इसका लक्ष्य दक्षिणी इंग्लैंड को कमजोर करना था. ब्लिट्ज के दौरान 20 लाख से अधिक घर नष्ट हो गए थे. 60 हजार नागरिक मारे गए और 87 हजार गंभीर रूप से घायल हो गए थे.

इनमें कई महिलाएं और बच्चे शामिल थे. वास्तव में युद्ध के शुरुआती वर्षों के दौरान सैनिकों से ज्यादा नागरिकों को जान का खतरा था.

जर्मनी
जर्मनी में मित्र देशों की बमबारी ने कई शहरों को समतल कर दिया था. 70 लाख से अधिक लोग बेघर हो गए. लगभग छह लाख नागरिकों की मृत्यु हो गई और आठ लाख 50 हजार नागरिक घायल हो गए.

एएएफ छापे ने देशभर में कुल आवास स्टॉक के लगभग 20 प्रतिशत को नष्ट कर दिया. बड़े शहरों में आवास स्टॉक का 45 प्रतिशत क्षतिग्रस्त हो गया.

उदाहरण के लिए वूर्ज्बर्ग में निर्मित क्षेत्र का 89% नष्ट हो गया, जबकि हेम्बर्ग और वुप्पर्टल का 75% और रम्सचे और बोचुम का आंकड़ा 83% था.

फ्रांस
फ्रांस में हुई हानि उसके वार्षिक राष्ट्रीय आय के तीन गुना के बराबर थी. बेल्जियम और नीदरलैंड को अपने संसाधनों के समान अनुपात में नुकसान उठाना पड़ा.

ग्रेट ब्रिटेन में लगभग 30 प्रतिशत घर नष्ट या क्षतिग्रस्त हो गए थे. वहीं यह आंकड़ा फ्रांस, बेल्जियम और नीदरलैंड में लगभग 20 प्रतिशत था.

सभी कब्जे वाले देशों में जनशक्ति की कमी, कृषि पशुओं के विनाश, मशीनरी और उर्वरकों की कमी के कारण कृषि सुविधाओं पर भारी असर पड़ा. प्रमुख रेल केंद्रों और पुलों पर बमबारी से आंतरिक परिवहन प्रणाली पूरी तरह से बाधित हो गई.

यूरोप
वर्ष 1945 तक पश्चिमी यूरोप के महाद्वीपीय देशों की अर्थव्यवस्थाएं लगभग पूर्ण पक्षाघात की स्थिति में थीं.

पूर्वी यूरोप में तबाही और भी बदतर थी. पोलैंड में 30 प्रतिशत भवनों के नष्ट होने के साथ-साथ 60 प्रतिशत स्कूलों, वैज्ञानिक संस्थानों और सार्वजनिक प्रशासन की सुविधाओं, अपनी कृषि संपत्ति का 30-35 प्रतिशत और 32 प्रतिशत खानों, विद्युत शक्ति और उद्योगों का नुकसान उठाना पड़ा.

यूगोस्लाविया
यूगोस्लाविया ने 20.7 प्रतिशत आवासों को नष्ट होने की सूचना दी.

जर्मनी
जर्मनी में ही यू.एस. स्ट्रैटेजिक बॉम्बिंग सर्वे ने पाया कि 49 सबसे बड़े शहरों में 39 प्रतिशत आवास इकाइयां नष्ट हो गईं या गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गईं. केंद्रीय व्यापार जिलों को आमतौर पर मलबे में बदल दिया गया था, केवल उपनगरीय छल्ले एक नष्ट कोर के आसपास खड़े थे.

शरणार्थियों के हाल

  • यूरोप
    पूरे यूरोप में लाखों लोग बेघर हुए. अनुमानित दो करोड़ दस लाख शरणार्थी थे, जिनमें से आधे से अधिक विस्थापित थे, जिन्हें जबरन श्रम करने के लिए उनके घर से निकाल दिया गया था.

अन्य लाखों लोग जो घर पर थे, पांच साल तक शारीरिक रूप से तनाव, पीड़ा और कमजोरी के कारण मर गए.

यूरोप की सड़कें वर्ष 1945 में शरणार्थियों से भर चुकी थीं. वर्ष 1946 में 50 लाख से अधिक सोवियत कैदियों को उनके देश भेज दिया गया. वहीं 80 लाख से अधिक जर्मनों को सोवियत-कब्जे वाले हिस्से से पश्चिम की ओर भगा दिया गया.

लगभग हर यूरोपीय राष्ट्रीयता के लाखों लोग अपने-अपने देशों में लौट आए. वहीं कई लोग अन्य देशों में ही बस गए.

  • जापान
    जापान में अमेरिका के रणनीतिक बमबारी सर्वेक्षण में जर्मनी के मुकाबले शहरी केंद्रों का नुकसान पाया गया. कुल मिलाकर 66 जापानी शहरों के निर्मित क्षेत्रों का 40 प्रतिशत नष्ट हो गया.

जापान की पूरी शहरी आबादी के लगभग 30 प्रतिशत लोगों ने अपने घर और कई संपत्ति खो दी.

  • हिरोशिमा और नागासाकी
    हिरोशिमा और नागासाकी को परमाणु विस्फोट और विकिरण द्वारा किए गए अजीबोगरीब और स्थाई नुकसान का सामना करना पड़ा.

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