नई दिल्ली : 15 जून की शाम भारतीय तीन इन्फेंटरी डिवीजन के कमांडर अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पूर्वी लद्दाख सेक्टर में श्योक और गलवान नदियों के वाई जंक्शन के पास एक भारतीय पोस्ट पर थे, जहां भारत और चीन के बीच बैठक होने वाली थी. सूत्रों ने बताया कि इसके लिए सेना के कुछ जवानों को यह सुनिश्चित करने के मौके पर भेजा गया कि चीनी सैनिकों ने समझौते के मुताबिक पोस्ट हटा ली है या नहीं. इसमें सबसे अधिक सैनिक 16 बिहार रेजिमेंट के थे.
भारतीय सैनिक जब वहां पहुंच तो उन्होंने देखा कि चीन की निगरानी पोस्ट पर 10 से 12 सैनिक मौजूद थे. इसके बाद भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों से कहा कि दोनों देशों के बीच हुए समझौते के मुताबिक वे सभी पीछे हट जाएं, लेकिन चीनी सैनिकों ने पीछे हटने से इनकार कर दिया. इस बात की सूचना देने भारतीय सैनिक यूनिट आ गये.
उस समय चीनी पोस्ट पर 50 भारतीय सैनिक गए थे. जिसका नेतृत्व 16 बिहार कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू कर रहे थे. जब भारतीय सैनिक वहां से अपने यूनिट आए तो चीनी सैनिक ने गलवान घाटी में मौजूद सैनिकों को पीछे से बुला लिया. इस दौरान लगभग चीनी सेना ने 300 से 350 सैनिकों को बुलाया था.
जब भारतीय सैनिक चीनी पोस्ट के पास दोबारा पहुंचे तो चीनी सैनिकों की संख्या बढ़ चुकी थी और चीनी सैनिक पोस्ट के आस पास पोजिशन ले चुके थे. इसके साथ ही उन्होंने हमला करने के लिए पत्थर, लोहे की रॉड जैसे हथियार तैयार कर लिए थे. भारतीय सैनिकों के कुछ कहने से पहले चीनी सैनिकों ने 16 बिहार रेजिमेंट के सीओ और हविलदर पलानी पर हमला कर दिया. सीओ पर हमला होने के बाद भारतीय सैनिक भी आक्रोशित हो उठे और संख्या में अधिक और ऊपर से पत्थर बरसा रहे चीनी सैनिकों पर पलटवार शुरू कर दिया.
एएनआई के मुताबिक, यह संघर्ष तकरीबन तीन घंटे चलता रहा. इस संघर्ष में कई चीनी सैनिक या तो बुरी तरह से घालय हुए या तो मारे गए. सूत्रों ने बताया कि अगली सुबह जव वहां सब कुछ शांत हो चुका था तो चीनी सैनिकों की शव वहां बिखरा पड़ा था. भारतीय सैनिकों ने चीनी शवों को पड़ोसी देश के दूसरे सैनिकों को सौंप दिया.
एएनआई के मुताबिक, इस हिंसक झड़प में भारत की तरफ से 100 सैनिक थे, जबकि चीन के 350 सैनिक थे. संघर्ष के दौरान बिहारी रेजिमेंट के सैनिकों ने चीनी पोस्ट (पेट्रोलिंग पॉइंट 14) को उखाड़ फेंक दिया.
अब अगले कुछ दिनों में पेट्रोलिंग पॉइंट 14, 15 और 17A के पास स्थिति को सामान्य करने के लिए भारत और चीन में लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत पर योजना बनाई जा रही है.