नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट को लेकर जांच के आदेश दिए हैं. इसके लिए समिति गठित की जाएगी. ईडी के विशेष निदेशक समिति के प्रमुख होंगे.
गृह मंत्रालय के आदेश के बाद एक अंतर-मंत्रालयी समिति का गठन किया गया है. यह समिति पीएमएलए, आयकर अधिनियम, एफसीआरए के तहत विभिन्न कानूनी प्रावधानों के उल्लंघन की जांच करेगी.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के विशेष निदेशक इस समिति की अध्यक्षता करेंगे.
गौरतलब है कि समाचार एजेंसी आईएएनएस ने बीते 28 जून को बताया कि कांग्रेस के सत्ता से छह वर्ष दूर रहने के बावजूद, पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाले राजीव गांधी फाउंडेशन को भारतीय व्यापार जगत के शीर्ष दिग्गजों से चंदे मिले हैं. हाल के वर्षो में भारत के कई बड़े नामों ने आरजीएफ को चंदा दिया है. कांग्रेस और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन केंद्र में 2014 से सता से बाहर हैं.
बड़े दिग्गजों ने दिए हैं दान
समाचार एजेंसी ने यह भी कहा कि आरजीएफ को लेकर कॉरपोरेट डोनर की रुचि में कमी नहीं आई है और रिकार्ड में कई बड़े नाम शामिल हैं. 2018-19 के लिए जारी नवीनतम आरजीएफ वार्षिक रपट में जिन चंदादाताओं के नाम हैं, उनमें भारत फोर्ज, भारती फाउंडेशन, क्रिस्टी फ्रीजग्राम इंडस्ट्री, डीएसएम श्रीराम लिमिटेड, जिंदल स्टील एंड पॉवर लिमिटेड, मैंक्स इंडिया फाउंडेशन, पैट्टन इंटरनेशनल लिमिटेड, पिरोजशा गोदरेज फाउंडेशन, टाटा स्टील लिमिटेड, टोरंट पॉवर लिमिटेड और टीवीएस मोटर कंपनी लिमिटेड शामिल है.
बतौर आईएएनएस, 'चंदा देने वालों की सूची में केवल नाम का विवरण है और चंदे में दी गई राशि के बारे में नहीं बताया गया है. वर्ष 2017-18 के लिए डोनर के रूप में टाटा स्टील लिमिटेड, डीसीएम श्रीराम लिमिटेड, मैक्स इंडिया फाउंडेशन, पिरोजशा गोदरोज फाउंडेशन, पेट्टोन इंटरनेशनल लिमिटेड, मुथूट फाइनेंस लिमिटेड, भारत फोर्ज लिमिटेड, टीवीएस मोटर कंपनी लिमिटेड, होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और क्रिस्टी फ्रीजग्राम इंडस्ट्री शामिल हैं.'
बता दें कि बीते दिनों भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा ने आरोप लगाए थे कि लोगों की गाढ़ी कमाई को एक परिवार द्वारा पोषित एक फाउंडेशन में डाले जा रहे हैं. यह लोगों के साथ धोखा है. उन्होंने कहा कि लोगों की मदद के लिए बना पीएमएनआरएफ (प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष) राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसा दान कर रहा था.
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भाजपा अध्यक्ष ने कहा था, 'एक परिवार की धन की भूख ने देश को बहुत नुकसान पहुंचाया है. काश कि उन्होंने अपनी ऊर्जा रचनात्मक कार्यों में लगाई होती. कांग्रेस के शाही राजवंश को निजी फायदे के लिए की गई लूट के लिए क्षमा मांगनी चाहिए.'
नड्डा ने सवालिया लहजे में कहा था, 'भारत के लोग जानना चाहते हैं कि सीएजी ऑडिटिंग के लिए राजीव गांधी फाउंडेशन के अकाउंट्स ने मना क्यों किया? आरटीआई नींव पर लागू क्यों नहीं हुआ? राजीव गांधी फॉउंडेशन का ऑडिटर कौन है?'
इसके अलावा इसके अलावा केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी आरोप लगाए थे कि राजीव गांधी फाउंडेशन ने डोनेशन के बहाने लिया चीनी दूतावास से धन लिया है.
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चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और कांग्रेस के बीच रिश्ते पर सवाल उठाते हुए केन्द्रीय कानून मंत्री ने बीते 25 जून को पूछा था कि आखिर पार्टी से पार्टी का रिश्ता क्यों बना? रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ये बताएं कि मनमोहन सिंह के सरकार के 10 साल में कितने ऐसे पार्टियो के साथ एमओयू साइन किया है.