नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किये जाने के तीन महीने बाद मंगलवार को केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की.
अमित शाह की यह नवगठित केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के शीर्ष सिविल और पुलिस अधिकारियों के साथ पहली बैठक थी.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मुख्य सचिव बी.वी.आर. सुब्रमण्यम और पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने केंद्रशासित प्रदेश में मौजूदा हालात, खासतौर से मोबाइल फोन नेटवर्कों पर से प्रतिबंध हटाए जाने के बाद की स्थिति से शाह को अवगत कराया .
बैठक में मौजूद रहे अधिकारी
शाह की इस समीक्षा बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय के. भल्ला और गृह मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा जम्मू-कश्मीर प्रशासन के अधिकारी बैठक में मौजूद रहे.
पांच नेता अब भी नजरबंद
बहरहाल, यह नहीं पता चल सका कि घाटी में नजरबंद शीर्ष नेताओं को रिहाई की संभावना की बाबत बैठक में चर्चा की गई अथवा नहीं.
गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्रियों - फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सहित पांच शीर्ष नेता गत पांच अगस्त से हिरासत में हैं, जब केंद्र ने जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को रद्द करने की घोषणा की थी.
जनजीवन अब भी बाधित
फिलहाल जम्मू-कश्मीर में जनजीवन अब भी बाधित है. स्कूल और अन्य अकादमिक संस्थान अब तक पूरी तरह खुले नहीं है जबकि बाजार और व्यावसायिक प्रतिष्ठान कुछ अवधि के लिए आंशिक रूप से खुल रहे हैं.
श्रीनगर में हुआ था ग्रेनेड हमला
इस बीच घाटी में आतंकी हमलों की घटनाएं भी बढ़ी हैं. सोमवार को ही श्रीनगर में ग्रेनेड हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गयी और लगभग दो दर्जन लोग घायल हुए थे.