कोलकाता : पश्चिम बंगाल के दो दिवसीय दौर पर गए गृह मंत्री अमित शाह ने ममता सरकार पर जमकर निशाना साधा. शाह ने कहा कि साइक्लोन और कोरोना महामारी में भी भ्रष्टाचार करने से तृणमूल कांग्रेस पीछे नहीं हटी है. उन्होंने कहा कि 2010 में बड़े चाव के साथ 11 अप्रैल को मां, माटी और मानुष के नारे के साथ बंगाल में परिवर्तन हुआ था. बंगाल की जनता के मन मे ढेर सारी अपेक्षायें और आशाएं थी. कम्यूनिस्ट शासन से त्रस्त होकर ममता बनर्जी के हाथों में बंगाल की कमान दी गई थी. मगर आज मां, माटी और मानुष का नारा तुष्टिकरण, तानाशाही और टोलबाजी में परिवर्तित हो गया है. तृणमूल सरकार जनता की अपेक्षाओं को पूरा नहीं कर सकी है.
कोलकाता में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने कहा, 'मैं बंगाल की जनता को आश्वस्त करने आया हूं कि आपने कांग्रेस को भी एक मौका दिया, कम्युनिस्टों को भी बार-बार मौके दिए और दो मौके ममता जी को दिए. एक मौका मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा को दे दीजिए, हम पांच वर्ष के भीतर सोनार बांग्ला बनाने का वादा करते हैं.'
भाजपा नेता ने कहा कि हमारा लक्ष्य स्पष्ट है कि बंगाल का विकास हो, देश की सीमाएं सुरक्षित हों, बंगाल के अंदर घुसपैठ रुके. टीएमसी और दीदी का एकमात्र लक्ष्य है कि अगले टर्म में भतीजे को मुख्यमंत्री बना देना है. अब बंगाल की जनता को तय करना है कि परिवारवाद चाहिए या विकासवाद चाहिए.
उन्होंने दावा किया कि आने वाले बंगाल चुनाव में भाजपा 200 से ज्यादा सीटों के साथ सरकार बनाएगी. राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में भाजपा बंगाल के चुनाव को बहुत गंभीरता से ले रही है. क्योंकि इसके साथ देश की सुरक्षा भी जुड़ी है और अति पिछड़े गरीब लोगों के भले का भी सवाल है. दोनों मुद्दों को लेकर पार्टी जनता के बीच जाएगी.
गृह मंत्री ने कहा कि बंगाल की जनता में एक अजीब प्रकार का वातावरण दिख रहा है. मैं जहां भी गया तो सैकड़ों लोग सकड़ों पर आए थे. जब वो भारत माता की जय, वंदे मातरम, जय श्रीराम के नारे लगाते थे, वो हमारे स्वागत में कम, ममता सरकार के प्रति गुस्से को ज्यादा दिखाते थे. तुष्टिकरण से बंगाल की जनता के बहुत बड़े वर्ग के मन में सवाल खड़े हुए हैं. एक प्रकार से बंगाल में 3 कानून हैं-
एक अपने भतीजे के लिए.