राजसमंद: राजसमंद झील की 9 चौकी पाल मार्ग पर श्री मंशापूर्ण महागणपति का मंदिर स्थित है. महागणपति मंदिर में प्रत्येक बुधवार को विशेष पूजा अर्चना और भव्य महारती होती है. मंशापूर्ण महागणपति में गणेश चतुर्थी पर्व की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है. सुबह से गणपति प्रतिमा के दर्शन का क्रम शुरू होगा. जो देर रात तक जारी रहेंगा. मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित गोपाल जी द्वारा वैदिक मंत्रोचार के साथ पूजा पाठ का क्रम शुरू होगा.
मंदिर में गणेश प्रतिमा पूरे देश में अद्वितीय
राजसमंद में विराजित मंशापूर्ण महागणपति सैकड़ों सालों से भक्तों की मंशा को पूर्ण करते आए हैं. सवा 9 फीट की विशालकाय पाषाण के गणेश प्रतिमा पूरे देश में अद्वितीय हैं. जिसमें रिद्धि-सिद्धि, शुभ-लाभ, सर्फ और मूषक राज समाहित है.
मंदिर का क्या है इतिहास... जानिए
बताया जाता है कि राजसमंद जिला मुख्यालय जो 350 वर्ष पुराने मेवाड़ की उपराजधानी थी. जहां तत्कालीन महाराणा राज सिंह ने मेवाड़ के आर्थिक दशा एवं असुरक्षित क्षेत्र मेवाड़ जो स्वतंत्रता की अलख को जगाते हुए येन केन प्रकरण अपनी प्रतिष्ठा को बनाए रखा था. ऐसे समय में महाराणा राज सिंह ने अपने विश्वसनीय राव - उमराव सरदारों को यह आमंत्रित कर अपनी मंशा बताई. साथ ही मेवाड़ की दशा पर विचार मंथन किया और यहीं पर श्री गणपति जी के आशीर्वाद से विकासोमुख भाव प्रकट हुए.