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31 अक्टूबर : दो महान विभूतियों के स्मरण का दिन, इंदिरा गांधी-सरदार पटेल

देश दुनिया के इतिहास में 31 अक्टूबर की तारीख में कई अहम घटनाएं हुई हैं. भारत के इतिहास में देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के दिन के तौर पर दर्ज है.

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Published : Oct 31, 2020, 4:10 AM IST

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नई दिल्ली :31 अक्टूबर की तारीख भारत के इतिहास का एक काला दिन है. इस दिन देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की नृशंस हत्या कर दी गई थी. अपने फौलादी इरादों के लिए विख्यात और बेखौफ फैसले लेने वाली देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनके अंगरक्षकों ने मौत की नींद सुला दिया था.

31 अक्टूबर, 1984 की सुबह इंदिरा गांधी के सिख अंगरक्षकों ने गोली मार कर इंदिरा की हत्या कर दी थी. इंदिरा गांधी ने 1966 से 1977 के बीच लगातार तीन बार देश की बागडोर संभाली और उसके बाद 1980 में दोबारा इस पद पर पहुंचीं. पद पर रहते हुए 31 अक्टूबर, 1984 को इंदिरा की हत्या कर दी गई.

इंदिरा गांधी 1955 में कांग्रेस कार्य समिति की सदस्य बनीं. 1958 में उन्हें कांग्रेस की केंद्रीय संसदीय बोर्ड के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया. वह ऑल इंडिया कांग्रेस समिति (एआईसीसी) की राष्ट्रीय एकता परिषद की अध्यक्षा थीं. वह 1959 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं.

वह 1964 से 1966 तक सूचना और प्रसारण मंत्री रहीं. इसके बाद जनवरी, 1966 से मार्च, 1977 तक वह भारत की प्रधानमंत्री रहीं. साथ-ही-साथ उन्हें सितंबर 1967 से मार्च, 1977 तक के लिए परमाणु ऊर्जा मंत्री बनाया गया. उन्होंने 5 सितंबर, 1967 से 14 फरवरी, 1969 तक विदेश मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाला. इंदिरा गांधी ने जून, 1970 से नवंबर 1973 तक गृह मंत्रालय और जून, 1972 से मार्च, 1977 तक अंतरिक्ष मामलों के मंत्रालय का प्रभार संभाला. जनवरी, 1980 से वह योजना आयोग की अध्यक्ष रहीं. 14 जनवरी 1980 में वे फिर से प्रधानमंत्री बनीं.

विभिन्न विषयों में रुचि रखने वाली इंदिरा गांधी जीवन को एक सतत प्रक्रिया के रूप में देखती थीं, जिसमें कार्य और रुचि इसके विभिन्न पहलू हैं जिन्हें किसी खंड में अलग नहीं किया जा सकता या न ही अलग-अलग श्रेणियों में रखा जा सकता है.

सम्मान और पुरस्कार
उन्होंने अपने जीवन में कई उपलब्धियां प्राप्त की. उन्हें 1972 में भारत रत्न पुरस्कार, 1972 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए मैक्सिकन अकादमी पुरस्कार, 1973 में एफएओ का दूसरा वार्षिक पदक और 1976 में नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा साहित्य वाचस्पति (हिन्दी) पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 1953 में श्रीमती गांधी को अमेरिका ने मदर पुरस्कार, कूटनीति में उत्कृष्ट कार्य के लिए इटली ने इसाबेला डी ‘एस्टे पुरस्कार और येल विश्वविद्यालय ने होलैंड मेमोरियल पुरस्कार से सम्मानित किया. फ्रांस जनमत संस्थान के सर्वेक्षण के अनुसार वह 1967 और 1968 में फ्रांस की सबसे लोकप्रिय महिला थी. 1971 में अमेरिका के विशेष गैलप जनमत सर्वेक्षण के अनुसार वह दुनिया की सबसे लोकप्रिय महिला थी. पशुओं के संरक्षण के लिए 1971 में अर्जेंटीना सोसायटी द्वारा उन्हें सम्मानित उपाधि दी गई.

उनके मुख्य प्रकाशनों में 'द इयर्स ऑफ चैलेंज' (1966-69), 'द इयर्स ऑफ एंडेवर' (1969-72), 'इंडिया' (लन्दन) 1975, 'इंडे' (लौस्सैन) 1979 एवं लेखों और भाषणों के विभिन्न संग्रह शामिल हैं. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.

  • उनके शासन के दौरान, भारत एक बड़े कृषि संकट का सामना कर रहा था. भारत लोगों को खिलाने के लिए आवश्यक भोजन की मात्रा का उत्पादन करने में असमर्थ था. इस दौरान भोजन का निर्यात संयुक्त राज्य अमेरिका से होता था. इसके बाद उन्होंने हरित क्रांति की विचारधारा को अपनाया. यह कार्यक्रम चार चरणों पर आधारित था,नई किस्मों के बीज, स्वीकृत भारतीय कृषि के रसायानीकरण की आवश्यकता को स्वीकृती, जैसे की उर्वरकों, कीटनाशकों, घास -फूस निवारकों, इत्यादि. नई और बेहतर मौजूदा बीज किस्मों को विकसित करने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सहकारी अनुसंधान की प्रतिबद्धता और भूमि अनुदान कॉलेजों के रूप में कृषि संस्थानों के विकास की वैज्ञानिक अवधारणा.
  • इंदिरा गांधी के शासन काल में भारत ने 14 निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया और इस तरह देश की बैंकिंग प्रणाली बदली गई.
  • इंदिरा गांधी ने बांग्लादेश को पाकिस्तान के राज से मुक्त कराने के लिए पाकिस्तान के साथ युद्ध करने का फैसला किया.
  • इंदिरा गांधी ने शासन काल में भारत दुनिया का सबसे नवीनतम परमाणु शक्तिसंपन्न देश बना.

इंदिरा गांधी ने शासन काल में पंजाब में हालात खराब थे. उन्होंने स्वर्ण मंदिर परिसर में हजारों नागरिकों की उपस्थिति के बावजूद गांधी ने आतंकवादियों का सफया करने के एक प्रयास में सेना को धर्मस्थल में प्रवेश करने का आदेश दिया. इंदिरा गांधी के बहुसंख्यक अंगरक्षकों में से दो थे सतवंत सिंह और बेअन्त सिंह ने 1984 में अपनी सेवा हथियारों के द्वारा प्रधानमंत्री निवास के बगीचे में इंदिरा गांधी की हत्या कर दी.

आपातकाल

तमाम श्रेष्ठ और सकारात्मक काम करने के बाद इंदिरा को कुछ नकारात्मक सुर्खियां भी मिलीं. इंदिरा की सरकार द्वारा इस बात की सिफारिश की गई की तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद आपातकाल की घोषणा करें. इस घटना की पृष्ठभूमि में भारत के लोकतंत्र पर आज 45 वर्षों के बाद भी बहस की जाती है. राष्ट्रपति ने आतंरिक अव्यवस्था के मद्देनजर 26 जून, 1975 को संविधान की अनुच्छेद - 352 के प्रावधानानुसार आपातकाल की घोषणा कर दी थी.

दरअसल, गुजरात में नवनिर्माण आंदोलन और जयप्रकाश नारायण की 'संपूर्ण क्रांति' के आह्वान के बाद पैदा हुई कथित तनावपूर्ण स्थितियों से निपटने के लिए इंदिरा की अनुशंसा पर तत्कालीन राष्ट्रपति ने 1975 में आंतरिक आपातकाल की घोषणा की थी.

आपातकाल हटाए जाने के बाद, जनता पार्टी सत्ता में आई और इंदिरा गांधी को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा था. यहां तक कि उन्हें कारावास भी भोगना पड़ा. 1978 में, कांग्रेस में एक और विभाजन हुआ, लेकिन इसके बाद भी इंदिरा गांधी ने चुनावों में बहुमत हासिल किया. बाद में इंदिरा के समूह को कांग्रेस (आई) कहा जाने लगा.

देश-दुनिया के इतिहास में 31 अक्टूबर की तारीख में दर्ज अन्य प्रमुख घटनाओं का सिलसिलेवार ब्योरा इस प्रकार है:-

1875 : वल्लभभाई पटेल का जन्म.

1920 : ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस का शुरूआती सत्र बंबई में आयोजित.

1941 : लगभग 15 वर्ष की मेहनत के बाद दक्षिण डेकोटा की ब्लैक हिल्स में माउंट रेशमोर नेशनल म्यूजियम का काम पूरा हुआ, जहां पहाड़ियों पर अमेरिका के चार राष्ट्रपति जॉर्ज वाशिंगटन, थॉमस जेफरसन, थिओडोर रूजवेल्ट और अब्राहम लिंकन के चेहरे तराशे गए.

1966 : भारतीय तैराक मिहिर सेन ने पनामा नहर को तैरकर पार किया.

1968 : अमेरिका के राष्ट्रपति लिंडन बी जॉनसन ने उत्तरी वियतनाम में अमेरिकी बमबारी रोकने का आदेश दिया.

1984 : भारत की पहली और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों के हाथों हत्या.

1992 : लाइबेरिया में पांच अमेरिकी नन की हत्या का ऐलान किया गया. हत्याओं के लिए चार्ल्स टेलर के प्रति आस्थावान बागियों को जिम्मेदार ठहराया गया.

2003: मलेशिया में महातिर युग का अंत. प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने 22 वर्ष तक सत्ता में रहने के बाद पद छोड़ा.

2006 : दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद युग के राष्ट्रपति पी डब्ल्यू बोथा का 90 वर्ष की आयु में निधन.

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