नई दिल्ली : इतिहास में 22 मार्च की तारीख पर भले ही कई महत्वपूर्ण घटनाएं दर्ज हैं, लेकिन आज रविवार 22 मार्च 2020 का दिन इतिहास में एक महत्वपूर्ण तारीख के रूप में दर्ज होने जा रहा है.
दरअसल देश में कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का आह्वान किया है और उनकी यह पहल कोरोना को हराने में मददगार हो सकती है. उनके इस अनुरोध को जिस तरह से देशभर में स्वीकार किया जा रहा है उसे देखते हुए देशवासियों का इसमें भाग लेना और कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे चिकित्सा कर्मियों के प्रति एक अनूठे अंदाज में आभार प्रकट करना अपने आप में अद्भुत होगा.
इस दिन के इतिहास की बात करें तो सदियों पहले इसी दिन मुगलों की राजधानी दिल्ली में फारस की फौज ने कत्लेआम किया था. दरअसल, मार्च 1739 में फारस (अब ईरान) के बादशाह नादिर शाह ने भारत पर हमला कर दिया और करनाल में हुई लड़ाई में मुगलिया सेना की बुरी तरह से शिकस्त हुई.
मुगलों की हार के बाद नादिर शाह का दिल्ली पर कब्जा हो गया. नादिर शाह जब अपने लाव लश्कर के साथ लाल किले पर पहुंचा तो यहां दंगे भड़क गए और लोगों ने उसकी सेना के कई सिपाहियों को मार दिया. इससे गुस्साए नादिर शाह ने दिल्ली में 'कत्लेआम' का हुक्म दिया और आज की पुरानी दिल्ली के कई इलाकों में उसकी फौज ने आम लोगों को मौत के घाट उतार दिया. इस घटना को इतिहास में ‘कत्ले आम’ के तौर पर जाना जाता है.
देश दुनिया के इतिहास में 22 मार्च की तारीख पर दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:-
1739 : ईरान के बादशाह नादिर शाह ने अपनी फौज को दिल्ली में नरसंहार का हुक्म दिया. इसे इतिहास में ‘कत्लेआम’ के नाम से जाना जाता है.
1793 : लार्ड कार्नवालिस ने बंगाल और बिहार के बीच अंतिम समझौते का ऐलान किया.
1890 : रामचंद्र चटर्जी पैराशूट से उतरने वाले पहले भारतीय व्यक्ति बने.