नई दिल्ली : समाज सुधार आंदोलनों के दौर में करीब 160 साल पहले हुई एक महत्वपूर्ण घटना ने 16 जुलाई को भारतीय इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज करा दिया. 16 जुलाई, 1856 को समाज सुधारकों के महती प्रयास के बाद देश में ऊंची जाति की विधवाओं को पुनर्विवाह करने की अनुमति मिली. इससे पहले हिन्दुओं में ऊंची जाति की विधवाएं दोबारा विवाह नहीं कर सकती थीं.
तत्कालीन ब्रिटिश सरकार से इस कानून को लागू करवाने में समाजसेवी ईश्वरचंद विद्यासागर का बड़ा योगदान था. उन्होंने विधवा विवाह को हिन्दुओं के बीच प्रचलित करने के लिए अपने बेटे का विवाह भी एक विधवा से किया.
देश दुनिया के इतिहास में 16 जुलाई की तारीख पर दर्ज अन्य प्रमुख घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:-
1661 : स्वीडिश बैंक ने यूरोप में पहला नोट जारी किया.
1856 : हिंदू विधवाओं के पुनर्विवाह को कानूनी मान्यता मिली.
1890 : पार्किंसन नाम के एक डॉक्टर ने पार्किंसन बीमारी के बारे में अपनी जॉच पूरी की. उन्हीं के नाम पर बीमारी का नाम पार्किन्सन्स रखा गया.
1905 : बागेरहाटर (अब बांग्लादेश) में एक जनसभा में ब्रिटिश सामान के बहिष्कार के प्रस्ताव को पहली बार मंजूरी दी गई.
1925 : इराक में राजा फैसल ने बगदाद में पहली संसद स्थापित की.