देहरादून : दून घाटी में स्थापित विशालकाय परिसर वाले भारतीय सैन्य अकादमी को जांबाजों का ठिकाना कहा जाता है. यह भारतीय सैन्य अकादमी देश के साथ-साथ दुनिया के कई देशों को सैन्य अफसर से लेकर सेनाध्यक्ष तक दे चुका है. देखिए इंडियन मिलिट्री एकेडमी पर आधारित स्पेशल रिपोर्ट...
आईएमए में प्रवेश कई युवाओं का सपना
युवाओं का सपना है यह मिलिट्री स्कूल. यहां तक पहुंचना हर किसी के बस की बात नहीं. शारीरिक दक्षता ही नहीं बौद्धिक क्षमता में भी पारंगत कर देता है यहां का प्रशिक्षण. यह वो खास बातें हैं, जो इस संस्थान को देश ही नहीं दुनिया के सर्वोच्च संस्थानों में इसका नाम जोड़ देती है. इसलिए इस संस्थान को वीरों का स्कूल भी कहा जाता है. आप जानकर हैरान होगें कि इस संस्थान ने भारतीय सेना को 16 सेनाध्यक्ष दिए हैं.
कईं देशों को सेनाध्यक्ष समेत कईं सैन्य अफसर मिले
साल 1971 की पाकिस्तान के साथ जंग में बांग्लादेश को पाकिस्तान से अलग कर देने वाले सेनाध्यक्ष सैम मानेकशॉ से लेकर देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ विपिन रावत तक इस संस्थान से होकर सेना में पहुंचे हैं. यही नहीं इसी संस्थान के पहले बैच से पास आउट हुए मोहम्मद मूसा खान पाकिस्तान के सेनाअध्यक्ष रहे हैं, जबकि स्मिथ डून ने म्यांमार (वर्मा) के सेनाध्यक्ष की कमान संभाली थी.