गुवाहाटी : असम सरकार ने कहा कि यदि उच्चतम न्यायालय NRC में सीमावर्ती जिलों से 20 प्रतिशत नामों के पुनर्सत्यापन की इजाजत दे देता है तो राज्य को प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी NRC का हिस्सा बनने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
असम के मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने संवाददाताओं से कहा कि राज्य सरकार ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को स्वीकार नहीं किया है. इसका अंतिम प्रारूप 31 अगस्त को प्रकाशित हुआ था, जिसमें 19 लाख लोगों के नाम बाहर कर दिए गए हैं.
असम सरकार ने इससे पहले शीर्ष न्यायालय में एक हलफनामा दाखिल कर सीमावर्ती जिलों में मसौदा NRC में 20 प्रतिशत नामों का पुनर्सत्यापन करने का अनुरोध किया था लेकिन याचिका स्वीकार नहीं की गई.