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'यदि न्यायालय असम सरकार की मांग मान लेता है तो राज्य में नई NRC की जरूरत नहीं' - biswa sarma on nrc in assam

असम के मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि राज्य सरकार ने NRC को स्वीकार नहीं किया है. सरकार का कहना है कि यदि उच्चतम न्यायालय NRC में सीमावर्ती जिलों से 20 प्रतिशत नामों के पुनर्सत्यापन की इजाजत दे देता है तो राज्य को प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी NRC का हिस्सा बनने की जरूरत नहीं पड़ेगी. पढे़ं पूरा विवरण.....

himanta biswa sarma on nrc in assam
असम के मंत्री हिमंत बिश्व सरमा

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Published : Dec 24, 2019, 8:18 AM IST

Updated : Dec 24, 2019, 8:30 AM IST

गुवाहाटी : असम सरकार ने कहा कि यदि उच्चतम न्यायालय NRC में सीमावर्ती जिलों से 20 प्रतिशत नामों के पुनर्सत्यापन की इजाजत दे देता है तो राज्य को प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी NRC का हिस्सा बनने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

असम के मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने संवाददाताओं से कहा कि राज्य सरकार ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को स्वीकार नहीं किया है. इसका अंतिम प्रारूप 31 अगस्त को प्रकाशित हुआ था, जिसमें 19 लाख लोगों के नाम बाहर कर दिए गए हैं.

असम सरकार ने इससे पहले शीर्ष न्यायालय में एक हलफनामा दाखिल कर सीमावर्ती जिलों में मसौदा NRC में 20 प्रतिशत नामों का पुनर्सत्यापन करने का अनुरोध किया था लेकिन याचिका स्वीकार नहीं की गई.

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सरमा ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने कल कहा था कि राष्ट्रव्यापी NRC की कोई योजना नहीं है. इसलिए हमें सिर्फ उच्चतम न्यायालय में इस विषय को ले जाना होगा यदि यह हमारी सुनवाई नहीं करते है तो हम भारत सरकार का रुख करेंगे.

आपको बता दें कि असम में NRC शीर्ष न्यायालय की निगरानी में प्रकाशित की गई थी.

मंत्री ने दावा किया कि असम में डिटेंशन सेंटर का निर्माण गुवाहाटी उच्च न्यायालय के आदेश पर किया जा रहा है और केंद्र सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं है.

Last Updated : Dec 24, 2019, 8:30 AM IST

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