देहरादून: हिमालयन राज्यों की विशेष भौगोलिक और सामाजिक परिस्थितियों को देखते हुए प्रदेश में पहली दफा होने जा रहे हिमालयन राज्यों के सम्मेलन की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है. इसमें हिमालयी राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होंगे. उत्तराखंड के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि इस सम्मेलन में सभी राज्यों की विषम भौगोलिक परिस्थितियों और जलवायु परिवर्तन के चलते देश का विकास कैसे हो, पर विस्तृत चर्चा की जाएगी और खास मसौदा तैयार किया जाएगा. इस कार्यक्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण विशेष तौर पर शामिल होंगी.
28 जुलाई से देहरादून जिले के मसूरी में होने जा रहे इस सम्मेलन में नॉर्थ ईस्ट सहित उत्तर भारत के 11 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बुलाया गया है. सुरक्षा के मद्देनजर चप्पे-चप्पे पर कुल 25 उच्च नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं. सम्मेलन में नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह, 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह सहित केंद्र के कई अधिकारी हिमालय राज्यों की समस्याओं को सुनने के लिए मौजूद रहेंगे. उत्तराखंड के मुख्य सचिव उत्पल कुमार के अनुसार इस सम्मेलन से इन सभी राज्यों में विकास और नीतियों का खाका तैयार किया जाएगा.
मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने बताया कि देश के वे राज्य, जिनमें विशेष भौगोलिक समस्याओं के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण मानव विकास के रास्ते में बड़ा रोड़ा है. वहां पर विकास का नया खाका तैयार करने के लिए हिमालयन कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है. इस बैठक में प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार भी शामिल होंगे. सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले राज्यों में जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, नगालैंड, त्रिपुरा, मिजोरम और मणिपुर शामिल हैं.
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि इस सम्मेलन में सभी राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी और मुख्यमंत्री शामिल होने जा रहे हैं. सम्मेलन में सभी राज्यों की विषम भौगोलिक परिस्थितियों और जलवायु परिवर्तन के चलते मानव विकास के अवसर पर विस्तृत चर्चा की जाएगी. चर्चा के बाद एक ऐसा मसौदा तैयार किया जाएगा, जिससे इन राज्यों में विकास की रफ्तार बढ़ाई जाए.