नई दिल्ली :कोरोना महामारी के बीच संसद का मानसून सत्र 14 सितंबर से 23 सितंबर, 2020 तक चला. सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल और कई सांसदों के कोरोना से संक्रमित होने के कारण मानसून सत्र को पहले ही स्थगित कर दिया गया.
इस साल मानसून सत्र 10 दिनों तक चला और इस दौरान कुछ महत्वपूर्ण विधेयक संसद से पारित किए गए.
मानसून सत्र का हाईलाइट
- संसद की बैठक 175 दिनों के अंतराल के बाद हुई, संवैधानिक सीम से मात्र छह दिन पहले.
- संसद के दो सत्रों के बीच सबसे लंबा अंतराल 181 दिनों का है. 1999 में, 12वीं लोक सभा के आखिरी सत्र और 13वीं लोक सभा के पहले सत्र के बीच.
- लोक सभा में बिना डिप्टी स्पीकर के यह सबसे लंबी कार्यवाही रही.
- लोक सभा में निर्धारित समय का 145 प्रतिशत कार्य हुआ, जबकि राज्य सभा में 99 प्रतिशत.
- प्रश्नकाल नहीं; लोक सभा और राज्य सभा ने विधेयकों पर चर्चा करने के लिए 59 प्रतिशत समय बिताया.
- 17 विधेयक एक ही सत्र में पेश और पारित किए गए, समितियों को कोई विधेयक नहीं भेजा गया.
- संसद द्वारा 25 विधेयकों को पारित किया गया (विनियोग विधेयकों को छोड़कर).
- 20 नए विधेयक पेश किए गए (विनियोग विधेयकों को छोड़कर). इनमें से 11 विधेयकों को अध्यादेशों की जगह लेने के लिए लाया गया. इनमें कृषि व्यापार और अनुबंध खेती से संबंधित तीन बिल शामिल हैं. इसके अलावा एक आरबीआई के सहकारी बैंकों के विनियमन और सामाजिक सुरक्षा, औद्योगिक संबंधों और व्यावसायिक सुरक्षा पर तीन श्रम संहिताएं शामिल हैं.
- लोक सभा में एक विधेयक पर औसतन 1.5 घंटे चर्चा की गई और राज्य सभा में विधयेकों को पारित करने से पहले औसतन एक घंटे तक चर्चा की गई.
- लोक सभा ने तीन श्रम संहिताओं को कुल तीन घंटे की चर्चा के भीतर पारित किया और राज्य सभा ने एक घंटे 45 मिनट में ऐसा किया.
- राज्य सभा ने पिछले दो दिनों में 7.5 घंटे के भीतर 13 विधेयकों को पारित किया.
मानसून सत्र में संसद द्वारा पारित कुछ महत्वपूर्ण विधेयक
कृषि सुधार
- कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020
- कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020
- आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020. यह कृषि क्षेत्र में तत्काल निवेश को बढ़ावा देगा, प्रतिस्पर्धा बढ़ाएगा और किसानों की आय बढ़ाएगा.
शिक्षा क्षेत्र
- राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय विधेयक, 2020
- राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय विधेयक, 2020
श्रम क्षेत्र सुधार