चमोली : बदरीनाथ धाम के बाद अब उत्तराखंड में स्थित पांचवें धाम के रूप में प्रसिद्ध श्री हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने की तिथि की घोषणा हो गई है. एक जून से श्रद्धालु श्री हेमकुंड साहिब के दर्शन कर सकेंगे. वहीं लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी एक जून को ही खोले जाएंगे.
आमतौर पर दोनों धामों के कपाट मई में खोल दिए जाते हैं, लेकिन भारी बर्फबारी के चलते इसमें समय लग रहा है. धाम में अब भी 20 फीट तक बर्फ जमी हुई है. गुरुद्वारा साहिब और लक्ष्मण मंदिर समेत हेमकुंड सरोवर बर्फ से ढके हुए हैं. वर्ष 2019 में भी भारी बर्फबारी के कारण कपाट एक जून को ही खोले गये थे.
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उधर, गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के सदस्य हालात का जायजा लेने यात्रा पड़ाव घांघरिया में पहुंच चुके हैं. राशन पहुंचाने का काम भी शुरू कर दिया गया है. अभी हालात यह हैं कि धाम पूरी तरह बर्फ के आगोश में है. हेमकुंड-घांघरिया पैदल मार्ग पर अटलाकोटी समेत कुछ अन्य स्थानों पर 40 फीट ऊंचे हिमखंड बने हुए हैं. सेना के जवान अप्रैल से बर्फ हटाने का काम शुरू करेंगे.
हेमकुंड साहिब भारत में स्थित सिखों का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है. यह हिमालय में 4632 मीटर (15,200 फीट) की ऊंचाई पर एक बर्फीली झील के किनारे सात पहाड़ों के बीच स्थित है. यहां गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब सुशोभित हैं. इस स्थान का उल्लेख गुरु गोविंद सिंह द्वारा रचित दसम ग्रंथ में आता है.
हेमकुंड साहिब तक की यात्रा गोविंदघाट से शुरू होती है, जो अलकनंदा नदी के किनारे समुद्र तल से लगभग एक हजार 828 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. गोविंदघाट से घांघरिया तक 13 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई है. इसके आगे का छह किलोमीटर का सफर और भी ज्यादा मुश्किलों से भरा है.