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नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : कचरे से निपटने के लिए राजस्थान के युवाओं की मुहिम है 'हेल्पिंग हैंड'

सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के लिए देश में अभियान चल रहा है. ईटीवी भारत भी इस मुहिम का एक अहम हिस्सा बना है. इसकी थीम नो प्लास्टिक लाइफ फैंटास्टिक रखी गई है. देखें इस मुहिम की 34वीं कड़ी पर विशेष रिपोर्ट...

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क्लीन अलवर मूवमेंट

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Published : Jan 14, 2020, 7:02 AM IST

अलवर : देशभर में सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को रोकने के लिए अलग-अलग मुहिम चलाई जा रही हैं. ऐसे में राजस्थान के अलवर जिले में भी एक पहल की जा रही है. ये मुहिम अलवर में देशभर में जारी सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर रोक लगाने वाले कैंपेन से पहले से जारी है.

दरअसल, यहां के कुछ युवाओं ने 'हेल्पिंग हैंड' नाम की एक संस्था बनाई है, जिसने अलवर को स्वच्छ करने का बीड़ा उठाया है. इसके तहत अलवर जिले के लोग हर रविवार को एक जगह इकट्ठा होते हैं और यहां अलग-अलग पार्क, सार्वजनिक स्थानों सहित गलियों और चौराहों की सफाई करते हैं. यहां के लोग इसे 'क्लीन अलवर मूवमेंट' कहते हैं.

'हेल्पिंग हैंड' से मिली जानकारी के मुताबिक, ये संस्था पिछले पांच वर्षों से अलवर में स्वच्छता अभियान चला रही है. आज हेल्पिंग हैंड राजस्थान ही नहीं बल्कि देश में भी अपनी पहचान बना चुका है.

क्लीन अलवर मूवमेंट पर ईटीवी भारत की रिपोर्ट

अलवर में 'हेल्पिंग हैंड' संस्था को आज से करीब पांच साल पहले बनाया गया था. तब से लेकर आज तक ये अभियान सफलतापूर्वक जारी है और 106 हफ्तों तक सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल के खिलाफ मुहिम चला चुका है. इसमें लड़के, लड़कियों सहित महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल हैं.

इस बारे में ईटीवी भारत से बात करते हुए हेल्पिंग हैंड के स्वयंसेवक विमल ने कहा कि ये हम लोगों की इच्छा है कि हम अपने शहर और गांव को साफ और स्वच्छ रखें और इसे सुंदर बनाए. उन्होंने कहा, 'पिछले पांच साल से हम लोग हर रविवार को किसी भी एक जगह जैसे कोई पार्क में एकत्रित होते हैं और फिर यहां सफाई अभियान चलाते हैं.'

विमल ने बताया कि 'हेल्पिंग हैंड' के कई बार विनती करने के बावजूद भी प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं.

क्लीन अलवर मूवमेंट के तहत इलाके की साफ-सफाई

आपको बता दें, संस्थान में शामिल लगभग 250 स्वयंसेवकों की तरह विमल भी हर रविवार को अलवर की सड़कों पर इन्हें स्वच्छ बनाने के लिए निकलते हैं.

वहीं इस संबंध में एक अन्य स्वयंसेवक राजेंद्र ने बताया कि स्वच्छता अभियान के दौरान जमा किए गए प्लास्टिक कचरे को नगर निगम में जमा कर दिया जाता है. राजेंद्र ने बताया कि इस अभियान में इस्तेमाल होने वाले सामान जैसे की झाड़ू आदि को 'हेल्पिंग हैंड' के सदस्यों द्वारा दान की गई राशि से ही खरीदा जाता है.

गौरतलब है, सिंग यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल के खिलाफ राजस्थान के अलवर की ये मुहिम सबसे सकारात्मक पहल के रुप में सामने आई है.

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