- रोहतगी ने कहा कि राज्यपाल के फैसले की न्यायिक समीक्षा नहीं हो सकती. अनुच्छेद 361 के तहत राज्यपाल इससे परे है.
- बकौल रोहतगी, 23 नवंबर को राज्यपाल ने जो किया, इसकी समीक्षा नहीं हो सकती. उन्होंने कहा कि अदालत सोमवार या मंगलवार को फ्लोर टेस्ट का आदेश पारित कर सकती है.
- जस्टिस रमन्ना ने कहा, मिस्टर रोहतगी, राज्यपाल ऐसे ही किसी को भी आमंत्रित कर सरकार बनाने के लिए नहीं कह सकते.
- रोहतगी ने कहा, मैंने ऐसी याचिका नहीं देखी, जहां राज्यपाल को ये निर्देश देने की अपील की गई हो कि, पार्टी ए, बी या सी को सरकार बनाने का न्योता दिया जाए.
- जस्टिस रमन्ना ने कहा कि इस कोर्ट में कोई सीमाएं नहीं हैं. (sky is the limit)
- रोहतगी ने बहुमत साबित करने के लिए तीन दिनों का समय दिए जाने की मांग की. उन्होंने कहा, वे नहीं जानते कि राज्यपाल ने क्या कहा?
- कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना के सुप्रीम कोर्ट आने पर रोहतगी ने सवाल किया. कहा, क्या आप राज्यपाल के पास गए? रात में अचानक उठे और सुप्रीम कोर्ट को डिस्टर्ब कर दिया.
- रोहतगी ने कहा कि विधायिका कोर्ट का सम्मान करती है, न्यायालय को भी विधायिका का सम्मान करना चाहिए.
- कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना की याचिका पर रोहतगी ने कहा कि तीन सप्ताह से ये सो रहे थे, आज कहते हैं कि फैसला किया जाए.
- राज्यपाल के ओहदे का हवाला देते हुए रोहतगी ने कहा कि हम राष्ट्रपति के बाद सबसे ऊंचे संवैधानिक अधिकारी के बारे में बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्याल सुप्रीम कोर्ट से कमतर अधिकारी नहीं है.
- सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की ओर से पेश हो रहे तुषार मेहता को निर्देश दिए. कोर्ट ने कहा कि सोमवार सुबह 10.30 बजे तक पत्र पेश करें. रिकॉर्ड देखने के बाद फ्लोर टेस्ट पर फैसला लिया जाएगा.
महाराष्ट्र संकट : सुप्रीम कोर्ट सोमवार 10.30 बजे फ्लोर टेस्ट पर फैसला सुनाएगी
12:29 November 24
सुप्रीम कोर्ट सोमवार 10.30 बजे फ्लोर टेस्ट पर फैसला सुनाएगी
12:17 November 24
न्यायिक समीक्षा से परे हैं राज्यपाल
- सिंघवी ने कहा कि जिसके पास संख्या बल है, उसे जीतने दिया जाए.
- यहां एक डिप्टी सीएम हैं, जो कहते हैं कि उनके पास 54 विधायकों का समर्थन है, ये लोकतंत्र के खिलाफ है.
- सिंघवी ने सभी तर्कों को स्वीकार करने की अपील की. उन्होंने कहा कि बड़े मुद्दों की बात बाद में की जा सकती है.
- बहुमत परीक्षण पर जोर देते हुए सिंघवी ने कहा, किसी के लिए यह कैसे संभव है कि सरकार बनाने वाले फ्लोर टेस्ट को नकार दें?
- मुकुल रोहतगी बीजेपी विधायकों समेत दो निर्दलीय विधायकों की ओर से पेश हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल इस केस में पक्षकार नहीं हैं.
- रोहतगी ने कहा, अगर आप सरकार बनाना चाहते थे तो 24 अक्टूबर से 9 नवंबर के बीच बनानी चाहिए थी.
- राज्यपाल के संतुष्ट होने की स्थिति का हवाला देते हुए रोहतगी ने कहा, जिस पल राज्यपाल संतुष्ट हो जाए, वह न्यायिक समीक्षा के परे हो जाता है.
12:07 November 24
अभिषेक मनु सिंघवी ने पेश की दलीलें, गोवा केस का हवाला दिया
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि राज्यपाल को किसी दल को आमंत्रित करना हो तो इसके लिए पूर्व शर्तें हैं.
1- संतुष्ट
2-लिखित दस्तावेजों पर संतुष्ट.
3-भौतिक सत्यापन के साथ हस्ताक्षर और इसके साथ लिखित दस्तावेज.
- सिंघवी ने कहा कि अजित पवार को शनिवार को ही एनसीपी के विधायक दल के नेता पद से हटा दिया गया है. अगर अजित पवार एनसीपी में नहीं हैं, तो वे कैसे डिप्टी सीएम बन सकते हैं.
- ऐसी परिस्थिति में सिर्फ फ्लोर टेस्ट ही एक मात्र और सर्वश्रेष्ठ तरीका है.
- फ्लोर टेस्ट टालने की ओर संकेत करते हुए सिंघवी ने कहा कि इसके पीछे एकमात्र मकसद हॉर्स ट्रेडिंग को बढ़ावा देना है.
- सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला दिया. उन्होंने गोवा के मामले में सुनाए गए फैसले का भी हवाला दिया.
11:59 November 24
सिब्बल ने कर्नाटक केस का हवाला दिया, रोहतगी ने कहा- रविवार को न हो सुनवाई
- सिब्बल ने कहा, आज केवल एक ही चीज करने की जरूरत है, अगर बीजेपी को लगता है कि इनके पास बहुमत है, तो आज ही इनका फ्लोर टेस्ट कराया जाना चाहिए.
- इनके पास काफी समय है, अगर ये कहते हैं कि बहुमत का आंकड़ा है, तो इसे साबित करना चाहिए.
- सिब्बल ने कहा कि सरकार बनाने के लिए राज्यपाल का आमंत्रण भी रिकॉर्ड पर नहीं है.
- जस्टिस भूषण ने कहा कि अगल राज्यपाल संतुष्ट हो तो, वे सरकार बना सकते हैं.
- इस पर सिब्बल ने कहा कि 22 नवंबर की शाम सात बजे और 23 नवंबर की सुबह 7.15 बजे के बीच सब कुछ हुआ है.
- अगर इनके पास संख्या बल है, बहुमत है, तो उन्हें साबित करने दीजिए. अगर ऐसा नहीं है तो कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना को सरकार बनाने दी जाए.
- सिब्बल ने कर्नाटक केस का भी हवाला दिया.
- सॉलिसीटर जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा, मुझे लगता है कि राजनीतिक दलों का कोई मौलिक अधिकार नहीं होता. महाराष्ट्र में राज्यपाल हैं.
- रोहतगी ने सवालिया लहजे में कहा, 'मुझे नहीं पता कि रविवार को केस की सुनवाई क्यों की जा रही है, रविवार को ऐसा नहीं होना चाहिए?' इस पर तीन जजों की पीठ ने कहा कि ये चीफ जस्टिस पर निर्भर करता है.
-
तुषार मेहता ने भी रविवार को होने वाली सुनवाई पर सवाल खड़े किए.
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सिब्बल ने कहा, महाराष्ट्र के लोगों को सरकार की जरूरत है ... फ्लोर टेस्ट आयोजित करना उनके हित में है ... लेकिन वे ऐसा करने के लिए तैयार नहीं हैं क्योंकि वे इस बीच कुछ करना चाहते हैं..हम कल बहुमत साबित करने के लिए तैयार हैं.
11:46 November 24
महाराष्ट्र की घटना को सिब्बल ने आपातकाल बताया
सिब्बल ने कहा कि चुनाव पूर्व गठबंधन टूटने के बाद हम पोस्ट पोल एलायंस पर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि 12 नवम्बर के बाद हमारे बीच कई बैठकें हुई. ये बैठकें 22 नवंबर तक चली.
22 नवंबर को शाम 7 बजे एक प्रेस वार्ता में एलान किया गया कि तीनों दल एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर सहमत हैं, और कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना सरकार बनाने का दावा पेश करेगी.
इसके बाद जो कुछ भी हुआ, ऐसा किसी भी लोकतंत्र में नहीं देखा गया.
23 नवंबर को सुबह 7.15 बजे राष्ट्रपति शासन हटा लिया गया, कोई कैबिनेट मीटिंग नहीं हुई. ये आपातकाल जैसा है. आठ बजे दो लोगों को शपथ दिलाई गई. फडणवीस को सीएम पद की, जबकि अजित पवार को डिप्टी सीएम पद की.
जो कागजात प्रस्ताव के रूप में दिए गए, ये सार्वजनिक रिकॉर्ड में नहीं है. ऐसे में लगता है कि राज्यपाल किसी के निर्देश पर काम कर रहे थे. उन्हें किस आधार पर सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया गया.
सिब्बल ने कहा कि राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए राज्यपाल की सिफारिश, फिर इसे हटाने का फैसला पक्षपातपूर्ण, बेईमानी का (malafide), सभी नियमों और यहां तक कि कई बार पारित हो चुके सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के भी खिलाफ है.
11:34 November 24
सुप्रीम कोर्ट के कोर्ट नंबर 2 में हो रही है सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट के कोर्ट नंबर दो में जस्टिस एनवी रमन्ना, अशोक भूषण और जस्टिस संजीव खन्ना सुनवाई कर रहे हैं.
वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी कोर्ट में हैं. वरिष्ठ वकील केएम नटराज और सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता भी कोर्ट में मौजूद हैं.
कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण और पार्टी प्रवक्ता सुरजेवाला भी कोर्ट में मौजूद हैं.
सिब्बल ने दलीलें देनी शुरु की. सिब्बल ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा में 288 सीटें हैं. बहुमत के लिए 145 विधायकों का समर्थन चाहिए.
उन्होंने कहा कि हमने राज्यपाल से तीन दिनों का समय मांगा था, लेकिन समय नहीं दिया गया.
09:39 November 24
एनसीपी का एक विधायक लापता, जानें सुप्रीम कोर्ट में किस पक्ष से कौन से वकील पेश होंगे
सूत्रों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में बीजेपी की ओर से मुकुल रोहतगी पैरवी करेंगे. शिवसेना की तरफ से कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल पैरवी करेंगे.
सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी दलीलें पेश करेंगे.
शनिवार देर रात सुप्रीम कोर्ट में केस फाइल करने के बाद कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत ने कहा कि याचिका में रविवार को ही विधानसभा में बहुमत परीक्षण कराने का निर्देश देने की अपील की गई है.
उन्होंने कहा कि फडणवीस या बीजेपी के पास बहुमत नहीं है, और बिना बहुमत के आंकड़ों के राज्यपाल ने फडणवीस को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बना दिया.
याचिका में अपील की गई है कि कर्नाटक की तरह ही महाराष्ट्र में भी फ्लोर टेस्ट कराने का निर्देश दिया जाए.
महाराष्ट्र में हुए एक अन्य घटनाक्रम में एनसीपी के विधायक दौलत दरोड़ा कथित तौर से लापता हैं. जानकारी के मुताबिक दरोड़ा रविवार तड़के राजभवन जाने के बाद से लापता हो गए हैं. इस संबंध में एक शिकायत दर्ज कराई गई है.
23:54 November 23
महाराष्ट्र में सरकार गठन पर देखें ईटीवी भारत की खास पेशकश...
23:39 November 23
शीर्ष अदालत ने जारी की कॉज लिस्ट
आपको बता दें, इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एनवी रमन्ना, अशोक भूषण और जस्टिस संजीव खन्ना सुनवाई करेंगे. वहीं चीफ जस्टिस बोबडे इस सुनवाई का हिस्सा नहीं होंगे.
तीनों जजों द्वारा सुनवाई 11 बजकर 30 मिनट पर की जाएगी.
21:36 November 23
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
महाराष्ट्र की राजनीति में जारी गतिरोध के बाद शिवसेना, कांग्रेस और NCP ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. यहां तीनों पार्टियों ने संयुक्त रुप से याचिका दायर की. अदालत में तीनों पार्टियों की याचिका पर आज सुबह 11 बजकर 30 मिनट पर सुनवाई की जाएगी.
आपकी जानकारी के लिए बता दें, महाराष्ट्र राज्यपाल द्वारा देवेंद्र फडणवीस को 23 नवंबर को राज्य में अपनी सरकार बनाने का न्योता देने के खिलाफ शिवसेना, कांग्रेस और NCP ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की.
20:33 November 23
Maharashtra Live
नई दिल्ली : शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. रजिस्ट्री में याचिका मंजूर कर ली गई है.
सूत्रों के मुताबिक चीफ जस्टिस बोबडे दिल्ली में नहीं हैं. न्यायालय की कार्यावधि बीतने के बाद आम तौर पर चीफ जस्टिस ही किसी केस की सुनवाई के लिए बेंच गठित करने का फैसला लेते हैं.
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