जयपुर : राजस्थान में मचे सियासी घमासान के बीच विधानसभा स्पीकर डॉ. सीपी जोशी की ओर से पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को नोटिस जारी करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंती के साथ न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने की. हाईकोर्ट कल भी मामले की सुनवाई करेगा.
चीफ जस्टिस द्वारा पूछे गए कुछ सवाल
- अगर कोई गलत शिकायत भी होती है तो क्या अध्यक्ष नोटिस जारी कर सकते हैं ?
- डिसक्वालिफिकेशन और पार्टी से निलंबन को एक साथ कैसे देखते हैं.
- या तो वे आपकी पार्टी के सदस्य है या फिर नहीं.
- दोनो स्थिति साथ नहीं हो सकती.
सीएम गहलोत का आरोप-सचिन पायलट पीसीसी अध्यक्ष रहते हुए षडयंत्र रच रहे थे
सीएम ने आरोप लगाया कि आईसीसी अध्यक्ष बनने के लिए मुंबई के कॉरपोरेट हाउस सचिन पायलट की मदद कर रहे थे. उन्होंने कहा कि हरीश साल्वे कॉर्पोरेट हाउस के वकील हैं और राजस्थान में सचिन पायलट की वे मदद कर रहे हैं.
बीजेपी को खुश करने के लिए षडयंत्र हो रहा है, जिसका मकसद कांग्रेस सरकार को गिराना है. हम उम्मीद करते थे कि सचिन पायलट कांग्रेस के एसेट साबित होंगे लेकिन अब एक ही विधायकों को बंधक बनाकर बाउंसर लगा रखे हैं.
सीजे का बड़ा सवाल
चीफ जस्टिस ने कहा कि रीजन रिकॉर्ड नहीं किया, तो कारण बताओ नोटिस कैसे ?
कोर्ट में फिर शुरू हुई बहस
बता दें कोर्ट में अभिषेक मनु सिंघवी ने वापस से बहस शुरू कर दी है. अब महाधिवक्ता एमएस सिंघवी बहस करेंगे. चीफ जस्टिस महान्ति की खंडपीठ मामले की सुनवाई कर रही है.
कांग्रेस विधायक गिर्राज मलिंगा के सचिन पायलट पर बड़े आरोप
गिर्राज सिंह मलिंगा ने कहा, जो भी विधायक स्वाभिमान की लड़ाई की बात कर रहे हैं, वह सब पैसे में बिके हुए हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे भी पैसों का ऑफर दिया था. मुझे कहा गया कि पहला सुख निरोगी काया, दूसरा घर में माया, लेकिन मैंने कहा मैं कांग्रेस को धोखा नहीं दूंगा. मुझे पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने दिसंबर माह में ऑफर दिया गया था.
उन्होंने आगे कहा कि मैंने मामले की जानकारी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दी थी. पायलट ने मुझे 35 करोड़ रुपए देने का ऑफर दिया था.
प्रदेश में सियासी पारा चरम पर
- नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने डीजीपी भूपेंद्र सिंह को पत्र लिखा
- हाल ही में प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज द्वारा अशोक नगर थाने में दी गई परिवेदना
- डीजीपी अविलंब एफआईआर दर्ज कराने का आग्रह किया
- महेश जोशी गोविंद डोटासरा और रणदीप सुरजेवाला सहित कई कांग्रेस नेताओं के खिलाफ है परिवेदना
केंद्रीय गृह मंत्रालय की रिपोर्ट का जवाब
सीएस नहीं गृह विभाग भेजेगा फोन टेपिंग की रिपोर्ट-सूत्र
अभिषेक मनु सिंघवी की प्रमुख दलीलें -
- याचिका प्री-मेच्योर, इसे खारिज किया जाए. सुप्रीम कोर्ट अनुसूची 10 के पैरा 2 की संवैधानिकता को पहले ही तय कर चुका है.
- स्पीकर के आदेश को लिमिटेड ग्राउंड पर चुनौती दी जा सकती है. लेकिन पायलट की याचिका में वह ग्राउंड शामिल ही नहीं है.
- अध्यक्ष सही या गलत कर सकता है. अध्यक्ष को गलत होने का अधिकार है. याचिका अध्यक्षव द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस पर आधारित है.
- जब तक स्पीकर द्वारा आपको अयोग्य नहीं ठहराया जाता, आप अंतरिम में संपर्क नहीं कर सकते.
- स्पीकर यदि करे डिस्क्वालीफाई, तो आ सकते हैं कोर्ट. सिर्फ नोटिस जारी करने को नहीं दी जा सकती चुनौती
- सुप्रीम कोर्ट द्वारा रिजेक्ट किए गए दलीलों को साल्वे फिर से रख रहे हैं.
- दसवीं अनुसूची के पैराग्राफ 2 के अनुच्छेद 1 के वैधानिकता को चुनौती नहीं दी जा सकती.
- हाईकोर्ट सुप्रीम कोर्ट के न्यायिक बेंच के डिसीजन पर दोबारा विचार नहीं कर सकती है.
- अभिव्यक्ति के विचार का मतलब कुछ भी करने की स्वतंत्रता नहीं है.