मुंबई :कथित अवैध निर्माण को लेकर कंगना के कार्यालय पर बीएमसी का बुलडोजर चला था. बीएमसी ने कंगना के बांद्रा वाले कार्यालय के कुछ हिस्सों को गिरा दिया था. कंगना ने बीएमसी की कार्रवाई को गैरकानूनी बताते हुए बंबई उच्च न्यायालय में अपील की थी. इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीएमसी से जवाब मांगा था. इस मामले में आज सुनवाई हुई. हाई कोर्ट ने बृहन्मुंबई महापालिका (बीएमसी) की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं. कोर्ट ने बीएमसी से सिर्फ एक दिन का नोटिस देकर कार्रवाई करने को लेकर सवाल किए हैं.
सुनवाई के दौरान कंगना के वकील ने शिवसेना नेता संजय राउत की एक ऑडिओ क्लिप कोर्ट में चलाने की मांग रखी. कंगना की याचिका में कहा गया है कि मेरे खिलाफ की गई कारवाई बदले की भावना से की गई है. संजय राउत ने कहा था उखाड देंगे, उखाड दिया, ऐसे शब्दों का प्रयोग कर मुझे (कंगना को) धमकाया गया था. राउत के वकील प्रदीप थोराट ने कहा की यह ऑडिओ क्लिप एक न्यूज चॅनल को दिए इंटरव्यू की है. हम इस पर कल हलफनामा दायर करेंगे.
जानकारी देते ईटीवी भारत संवाददाता हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति एसजे खाठेवाला और आरआई चंगला की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है. बीएमसी की ओर वरिष्ठ वकील आस्पी चिनॉय पैरवी कर रहै हैं.
अपनी याचिका में, कंगना ने बीएमसी द्वारा इमारत को क्षति पहुंचाए जाने के कृत्य को अवैध करार देने की मांग की है. उन्होंने इसके लिए बीएमसी से क्षतिपूर्ति के रूप में दो करोड़ रुपये की मांग भी की है.
कंगना और शिवसेना के बीच टकराव के मुख्य बिंदु गौरतलब है कि बीते 9 सितंबर को बीएमसी ने कंगना के कार्यालय पर कार्रवाई की थी. बाद में आनन-फानन में हाईकोर्ट पहुंचीं कंगना को अंतरिम राहत मिली थी. उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बीएमसी की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी.
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बता दें कि बीते 21 सितंबर को महाराष्ट्र के ही भिवंडी में एक बहुमंजिला इमारग गिर गई थी. इसमें तीन दर्जन से अधिक लोगों की मौत हुई है. इस मामले पर महाराष्ट्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कंगना ने शिवसेना पर तीखी टिप्पणी की थी.
कंगना ने भिवंडी में हुई मौतों की तुलना पुलवामा आतंकी हमले से करते हुए अपने ट्विटर अकाउंट पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और शिवसेना के नेता संजय राउत को संबोधित किया था. कंगना ने लिखा था, 'उद्धव ठाकरे, संजय राउत, जब बीएमसी मेरा घर गैर कानूनी तरीके से तोड़ रहा था, उस वक्त उतना ध्यान इस बिल्डिंग पे दिया होता, तो आज लोग जीवित होते, इतने जवान तो पुलवामा में नहीं शहीद हुए, जितने मासूमों को आपकी लापरवाही मार गई, भगवान जाने क्या होगा मुंबई का.'
संजय राउत की प्रतिक्रिया
कंगना के दफ्तर पर कार्रवाई के मामले पर शिवसेना नेता संजय राउत ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि कंगना रनौत के कार्यालय में बीएमसी की कार्रवाई की गई थी. इस कार्रवाई से शिवसेना से कोई संबंध नहीं है. आप इस संबंध में बीएमस कमीश्नर या शहर के मेयर से बात कर सकते हैं.
अठावले ने की मुलाकात
इस पूरे मामले में यह भी एक दिलचस्प तथ्य है कि कंगना राजनीतिक रूप से भी सक्रिय नजर आ रही हैं. बीते दिनों केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कंगना से मुलाकात की थी. मुलाकात के बाद अठावले ने कहा कि कंगना राजनीति में आना नहीं चाहती हैं, लेकिन समाज में एकजुटता लाने चाहती हैं. उन्होंने बताया कि कंगना अपनी अगली फिल्म में दलित किरदार निभाना चाहती हैं और जातिवाद को मिटाना चाहती हैं.
राज्यपाल ने मांगी रिपोर्ट
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने भी सीएम उद्धव के सलाहकार अजॉय मेहता से बीएमसी की कार्रवाई के संबंध में जानकारी मांगी थी.
गौरतलब है कि अपनी सुरक्षा को लेकर कंगना ने मुंबई पुलिस पर संदेह व्यक्त किया था. इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से कंगना को वाई श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई गई है. इससे पहले हिमाचल के सीएम ने भी कंगना को सुरक्षा मुहैया कराई थी.