नई दिल्ली : स्वास्थ्य मंत्रालय के सयुंक्त सचिव लव अग्रवाल ने मंगलवार को मीडिया को बताया कि प्लाज्मा थेरेपी एक सिद्ध चिकित्सा नहीं है. यह अब भी प्रायोगिक चरण में है, अभी ICMR इस चिकित्सा का उपयोग इसको समझने के लिए कर रहा है.
उन्होंने कहा कि अगर उचित दिशा निर्देश के तहत प्लाज्मा थेरेपी का सही तरीके से उपयोग नहीं किया जाता तो यह जीवन के लिए खतरा पैदा कर सकती है. जब तक यह अनुमोदित हो जाता है कि किसी को इसका उपयोग नहीं करना चाहिए, यह रोगी के लिए हानिकारक हो सकती है और अवैध है.
लव अग्रवाल ने कहा कि जब तक ICMR अपने अध्ययन का पूरी नहीं कर लेता और एक मजबूत वैज्ञानिक प्रमाण हासिल नहीं कर लेता, तब तक प्लाज्मा थेरेपी का उपयोग केवल अनुसंधान या परीक्षण के उद्देश्य के लिए किया जाना चाहिए.