नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारत में अभी तक कोरोना वायरस संक्रमण के समुदाय स्तर पर फैलने का कोई पुष्ट प्रमाण नहीं मिला है और संक्रमण जिस दर से बढ़ रहा है उससे यह लगता है कि यह अपेक्षाकृत स्थिरता की प्रवृत्ति है.
साथ ही मंत्रालय ने यह भी कहा कि ताजा आंकड़ों से किसी स्पष्ट प्रवृत्ति का पता नहीं चलता है और सरकार किसी भी सूरत में, किसी भी स्तर पर इसे लेकर शिथिल नहीं है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि गुरुवार तक देश में 16 लोगों की कोरोना वायरस संक्रमण से मौत हुई है वहीं इस वायरस से संक्रमण के अभी तक कुल 694 मामले सामने आए हैं. मंत्रालय ने बताया कि आज देश में कोरोना वायरस संक्रमण के करीब 90 नए मामले आए हैं.
आंकड़ों के अनुसार, देश में फिलहाल 633 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण के लिए इलाज चल रहा है, वहीं 44 लोगों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी मिल गई है. वहीं एक व्यक्ति दूसरी जगह चला गया है। जबकि 16 लोगों की मौत हो चुकी है.
कोरोना वायरस से जुड़े हालात पर मीडिया को जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा, 'कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या में वृद्धि हो रही है, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि अपेक्षाकृत रूप से यह स्थिर है या फिर जिस दर से यह बढ़ रहा था, उसमें कुछ कमी भी है.'
उन्होंने कहा, 'ताजा आंकड़ों से किसी स्पष्ट प्रवृत्ति का पता नहीं चलता है और सरकार किसी भी सूरत में, किसी भी स्तर पर इसके लेकर शिथिल नहीं है.'
पढ़ें :कोरोना संक्रमण के फैलाव की दर में आई कमी : स्वास्थ्य मंत्रालय
अग्रवाल ने कहा कि मंत्रालय को आशा है कि वह सामाजिक मेलजोल में कमी लाकर (सोशल डिस्टेंसिंग अपनाकर), जिनमें संक्रमण की पुष्टि हुई है उनसे मिलने वाले लोगों का पता लगाकर और यह सुनिश्चत करके कि भी अपने-अपने घरों में पृथक रहें, कोरोना वायरस को फैलने से रोक पाएंगे.
लेकिन, साथ-ही-साथ चेतावनी देते हुए अग्रवाल ने कहा कि अगर समुदाय और सरकार ने मिलकर काम नहीं किया और सामाजिक मेलजोल को कम करने, घर में पृथक रहने और इलाज कराने जैसे तय दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया तो इस संक्रमण का समुदाय स्तर पर प्रसार का चरण शुरू हो जाएगा.
उन्होंने जनता से अनुरोध किया कि वे प्रधानमंत्री द्वारा घोषित लॉकडाउन का समर्थन करें. उन्होंने कहा कि इस वायरस से संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने को तोड़ने में सामाजिक मेलजोल में कमी प्रभावी साबित हो सकती है, लेकिन यदि एक भी व्यक्ति इसका पालन नहीं करता है तो सबके प्रयासों पर पानी फिर जाएगा.