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ज्यादा संक्रमित इलाकों में प्रवेश-निकास पर लगभग पूर्ण पाबंदी : स्वास्थ्य मंत्रालय

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस से लड़ने और निबटने के लिए लिए उन इलाकों पूरी तरह पाबंदी लगाने की बात कही है, जहां पर अब भी कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. पढ़ें विस्तार से...

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केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन

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Published : May 17, 2020, 9:26 AM IST

Updated : May 17, 2020, 10:57 AM IST

नई दिल्ली : कोरोना वायरस से निबटने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ज्यादा कोरोना संक्रमण मामले वाली जागहों पर पूर्ण पाबंदी लगाने की बात कही है. मंत्रालय ने कहा है कि जिन क्षेत्रों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले ज्यादा आए हैं और जहां स्थानीय स्तर पर संक्रमण फैल रहा है, उस पूरे क्षेत्र में लोगों के प्रवेश-निकास पर लगभग पूर्ण पाबंदी लगाई जाएगी.

साथ ही, पूरे क्षेत्र को सील कर दिया जाएगा और घर-घर जाकर विशेष टीमें सभी की निगरानी/जांच करेंगी.

'बड़ी संख्या में कोविड-19 के मामले आने पर स्वास्थ्य मंत्रालय की योजना' में कहा गया है कि बड़ी संख्या मे कोविड-19 के मामले आना, अर्थात एक तय भौगोलिक सीमा के भीतर ही स्थानीय स्तर पर कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ना है.

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उदाहरण के तौर पर यह जगह कोई गांव, कस्बा या शहर आदि कुछ भी हो सकता है.

मंत्रालय ने कहा है कि बड़ी संख्या में कोविड-19 के मामले आना उस स्थिति को माना जाएगा, जब किसी क्षेत्र में कोविड-19 के 15 या उससे ज्यादा मामले आए हैं.

शहरी क्षेत्रों में कोरोना वायरस संक्रमण प्रबंधन के संबंध में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शनिवार को जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार शहरी क्षेत्रों में कोविड-19 निगरानी तंत्र को मजबूत बनाना होगा और निषिद्ध क्षेत्रों में धारा 144 लागू करते हुए वहां सख्ती बरतनी पड़ेगी, ताकि लोग अपने-अपने घरों के अंदर ही रहे.

शहरी क्षेत्रों में कोविड-19 की तैयारियों और प्रतिक्रिया से जुड़े स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देश में कहा गया है कि ज्यादातर शहरों और कस्बों में रोग निगरानी तंत्र उतना संगठित नहीं है, जितना कि ग्रामीण क्षेत्रों में है. उसमें कहा गया है कि इसलिए यह समस्या शहरी क्षेत्रों में ज्यादा है.

दिशा-निर्देश में कहा गया है, 'इसलिए, निगरानी तंत्र को निगरानी और कोविड-19 मरीज के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने के लिहाज से मजबूत करना होगा. इसमें स्वास्थ्य केन्द्रों, दवाखानों में स्वास्थ्यकर्मियों, एएनएम (मिडवाइफ), आशा कार्यकर्ताओं, आगंनवाड़ी कार्यकर्ताओं, निगमों के स्वास्थ्यकर्मी, सफाई कर्मचारी, सामुदायिक स्वास्थ्य स्वयंसेवक और अन्य स्वयंसेवकों आदि की पहचान करना शामिल है.'

Last Updated : May 17, 2020, 10:57 AM IST

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