नई दिल्ली : यूनाइटेड किंगडम में कोविड-19 (कोरोना वायरस) के नए प्रकार के कारण वायरस की प्रसारण क्षमता में वृद्धि हुई है. नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने बताया कि यह उत्परिवर्तन (mutation) बीमारी की गंभीरता को प्रभावित नहीं कर रहा है. कोरोना संक्रमण की कुल संख्या इस उत्परिवर्तन से प्रभावित नहीं है.
पॉल ने जानकारी दी कि ब्रिटेन में पहचाने गए सार्स-सीओवी-2 के नए प्रकार में संक्रमण अधिक तेजी से फैलाने की क्षमता है, लेकिन यह बीमारी की गंभीरता एवं मौत के मामलों को प्रभावित नहीं कर रहा है. भारत में अब तक कोरोना वायरस के स्वरूप में परिवर्तन का कोई महत्वपूर्ण मामला सामने नहीं आया है, चिंता करने का कोई कारण नहीं है लेकिन सतर्क रहना होगा. ब्रिटेन में सामने आए सार्स-सीओवी-2 के नए प्रकार का विकसित किए जा रहे टीकों के प्रभावी होने पर कोई असर नहीं है.
वायरस के स्वरूप में बदलाव के मद्देनजर उपचार को लेकर दिशा-निर्देश में कोई बदलाव नहीं किया गया है और खास कर देश में तैयार किए जा रहे टीका पर इससे कोई असर नहीं पड़ेगा.
पॉल ने कहा कि स्वरूप में बदलाव से वायरस ज्यादा संक्रामक हो सकता है. यह जल्दी संक्रमण फैला सकता हैय उन्होंने कहा, 'यह भी कहा जा रहा है कि यह वायरस 70 गुणा ज्यादा संक्रमण फैलाता है. एक तरीके से कह सकते हैं कि यह सुपर स्प्रेडर है लेकिन इससे मृत्यु, अस्पताल में भर्ती होने या गंभीर रूप से बीमार होने का खतरा नहीं बढ़ता है. सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि यह तेजी से लोगों में संक्रमण फैलाता है.'