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कोरोना : दूसरे देशों में बिगड़े हालात भारत के लिए सीख, रिकवरी रेट 90 % से ज्यादा - नीति आयोग की विशेषज्ञ समिति

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि पिछले पांच हफ्तों से कोरोना से होने वाली मौत की दर में गिरावट आई है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि कोरोना संक्रमित लोगों में देश में अब रिकवरी दर 90.62% है, यह लगातार बढ़ रहा है जो एक अच्छा संकेत है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण
स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण

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Published : Oct 27, 2020, 4:39 PM IST

Updated : Oct 27, 2020, 7:04 PM IST

नई दिल्ली : भारत में कोरोना संक्रमण के मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि 78 प्रतिशत सक्रिय मामले 10 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में मौजूद हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने बताया कि पिछले 24 घंटों में पांच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक) में 58% नई मौतें हुईं हैं.

रिकवरी रेट 90 % से ज्यादा

नए कोरोना संक्रमित लोगों की मौत के मामले में स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि औसत दैनिक मौतों में लगातार गिरावट आ रही है. उन्होंने बताया कि त्यौहारी सीज़न के दौरान, केरल, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, कर्नाटक और दिल्ली में मामले बढ़े हैं.

मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस वार्ता में कोरोना संक्रमण के मामले को देखने के लिए बनाई गई नीति आयोग की विशेषज्ञ समिति के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वीके पॉल ने बताया कि विकसित और समृद्ध देशों में कोरोना संक्रमण के कारण बिगड़े हालात हमारे लिए एक सबक हैं.

राजेश भूषण ने बताया कि संक्रमित लोगों के ठीक होने की संख्या 1 लाख से 10 लाख तक पहुंचने में हमें 57 दिन लगे. उन्होंने कहा कि 13 दिनों में 10 लाख नए कोरोना संक्रमित लोग संक्रमण मुक्त हुए हैं, जो संतोषजनक संकेत है.

कावासाकी एक ऑटो-इम्यून बीमारी है

उन्होंने कहा, 'यहां तक ​​कि बहुत अधिक आर्थिक क्षमता वाले ऐसे देश जहां प्रति व्यक्ति आय और उत्तम स्वास्थ्य प्रणाली है, इन देशों में भी कोरोना महामारी का दूसरा चरण (wave) अपने पीक पर पहुंचा तो हालात नियंत्रण से बाहर होते दिखे.' उन्होंने कहा कि अन्य देशों के बिगड़ते हालात हम सभी के लिए एक सबक है. हम बहुत भाग्यशाली हैं कि हमारा रुझान विपरीत दिशा में है.

उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत कोरोना संक्रमण के मामले में सुपर स्प्रेडिंग इवेंट की तलाश करना हमारे काम का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है. उन्होंने कहा कि सुपर-स्प्रेडिंग घटनाएं तब होती हैं जब हम न केवल बहुत बड़ी संख्या में एक स्थान पर जमा हों, बल्कि मध्यम संख्या में भी जमा हों. उन्होंने सुपर स्प्रेडर जैसी घटना से बचने की भी अपील की.

प्रेस वार्ता में मौजूद भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद् (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि कावासाकी एक ऑटो-इम्यून बीमारी है जो 5 साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करती है. उन्होंने बताया कि यह भारत में आम नहीं है.

कोरोना संक्रमण के साथ कावासाकी बीमारी के बारे में बलराम भार्गव ने कहा कि यह बहुत दुर्लभ स्थिति है. मुझे नहीं लगता कि भारत में अब तक कोविड-19 के साथ कावासाकी का कोई मामला सामने आया है.

भार्गव ने कहा, 'कुल मिलाकर 17 वर्ष से कम आयु के मामले में भारत में कोरोना संक्रमण का आंकड़ा केवल 8 फीसदी ही है.' उन्होंने कहा कि पांच वर्ष से कम आयु में यह आंकड़ा बहुत कम होगा.

नि: शुल्क वैक्सीन वितरण के मुद्दे पर वीके पॉल ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से प्रतीक्षा करने के लिए कहा है और हम वैक्सीन पहुंच के लिए एक राष्ट्रीय दृष्टिकोण का पालन करेंगे.

उन्होंने कहा कि यदि वैक्सीन का उत्पादन सीमित नहीं है, तो उस अनुसार प्राथमिकता तय की जाएगी. टीके तक पहुंचने में संसाधन कोई समस्या नहीं होगा.

कोविड19 वैक्सीन पर बात करते हुए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि ऑक्सफोर्ड, भारत बायोटेक और जाइडस कैडिला के वैक्सीन अच्छा परिणाम दे रहे हैं.

भार्गव ने कहा कि कम से कम 4 से 5 देशी कोविड 19 वैक्सीन दौड़ में हैं और वे प्री-क्लीनिकल स्टेज में हैं.

Last Updated : Oct 27, 2020, 7:04 PM IST

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