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कर'नाटक' LIVE: इस्तीफा दे सकते हैं CM एचडी कुमारस्वामी, सुरक्षा के कड़े इंतजाम

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Published : Jul 22, 2019, 10:37 AM IST

Updated : Jul 22, 2019, 10:13 PM IST

22:05 July 22

CM का त्याग पत्र सोशल मीडिया में वायरल, कुमारस्वामी बोले- फर्जी लेटर

कुमारस्वामी ने फर्जी लेटर दिखाया.

कर्नाटक राजनीतिक संकट के बीच सीएम कुमारस्वामी का फर्जी त्याग पत्र प्राप्त होने से हंगामा मच गया. सीएमओ ने इसे फर्जी लेटर बताया है. 
यह पत्र विधानसभा में चर्चा के वक्त कुमारस्वामी के टेबल पर दिखा. कुमारस्वामी ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया है. 

कथित इस्तीफे पर सीएम कुमारस्वामी ने कहा कि 'मुझे पता चला है कि मैंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा दे दिया है. मैं नहीं जानता कि कौन मुख्यमंत्री बनने को इतना उतावला है. किसी ने मेरे फर्जी हस्ताक्षर करके यह लेटर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है. मैं पब्लिसिटी के लिए इस गिरे हुए स्तर से हैरान हूं.' 


कुमारस्वामी ने कहा, 'मुझे नहीं पता किसी ने मेरा जाली हस्ताक्षर कर उसे सोशल मीडिया में प्रसार कर रहा है. मुझे नहीं पता कि सीएम बनने का इंतजार कौन कर रहा है.
 

19:45 July 22

कर्नाटक: BJP विधायकों से मिले स्पीकर

स्पीकर.केआर रमेश कुमार

बेंगलुरु: कर्नाटक में जारी राजनीतिक संकट के बीच स्पीकर केआर रमेश कुमार ने बीजेपी के नेताओं के साथ बैठक की. बैठक में सुनील कुमार, बासवाराज बोम्मई, सीटी रवि और जेडीएस नेता एसएसआरए महेश, एचडी रेवन्ना, बंदीप्पा कश्मीपुर शामिल हैं. बैठक विधान सौध में जारी है.

आज क्या हुआ जानें---

कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी द्वारा पेश विश्वास प्रस्ताव पर विधानसभा में तीसरे दिन सोमवार को भी चर्चा जारी रहा . उधर कांग्रेस का कहना है कि बागी विधायकों के इस्तीफे पर अध्यक्ष का फैसला आने तक विश्वास प्रस्ताव पर मतविभाजन न कराया जाए.

विधानसभा की कार्यवाही शुरु होने के समय से ही अध्यक्ष के. आर. रमेश ने सरकार को बार बार शक्ति परीक्षण की प्रक्रिया सोमवार को पूरी करने के अपने वादे का सम्मान करने की याद दिलायी.

एक घंटे की देरी से सदन की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष ने कहा, 'सबकी नजर हम पर है. मुझे बलि का बकरा ना बनाएं. अपने लक्ष्य (शक्ति परीक्षण की प्रक्रिया पूरी करने) तक पहुंचें.' 

कुमारस्वामी ने पिछले सप्ताह बृहस्पतिवार को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव रखा था. सत्तारूढ़ कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन के 16 विधायकों के इस्तीफे और दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के कारण सरकार का भविष्य अधर में है.

राज्यपाल वजुभाई वाला ने पहले शुक्रवार दोपहर डेढ़ बजे तक और बाद में दिन की समाप्ति तक विश्वास प्रस्ताव पर प्रक्रिया पूरी करने को कहा था.

शुक्रवार को प्रक्रिया पूरी नहीं होने के बाद अध्यक्ष ने सरकार से यह वादा लिया था कि वह इसे सोमवार को अवश्य पूरा करेगी. इसके बाद सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई.

अध्यक्ष ने विश्वास प्रस्ताव प्रक्रिया में और देरी नहीं करने पर अपना रुख स्पष्ट किया, ‘‘इससे मेरा या सदन का अपमान होगा.’’ 

ऐसी खबरें है कि सत्तारूढ़ गठबंधन ने मत-विभाजन के लिए और दो दिन का वक्त मांगा है.

अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हम जीवन सार्वजनिक में हैं. जनता हमें देख रही है. अगर लोगों में यह विचार बन रहा है कि चर्चा के नाम पर हम समय बर्बाद कर रहे हैं तो यह मेरे या किसी के लिए भी सही नहीं होगा.’’ 

कर्नाटक सरकार के वरिष्ठ मंत्री कृष्णा बायरे गौड़ा ने विश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान कहा कि इस्तीफे के मुद्दे पर अध्यक्ष के निर्णय के बगैर मत-विभाजन कराने से विश्वास प्रस्ताव प्रक्रिया की कोई गरिमा नहीं रहेगी.

विश्वास प्रस्ताव पर बहस के तीसरे दिन भी जारी रहने के दौरान उन्होंने कहा, ‘‘ हम असाधारण स्थिति में आ गये हैं.... मैं अध्यक्ष से पहले इस्तीफों पर निर्णय लेने का अनुरोध करता हूं. अन्यथा इसका (विश्वास प्रस्ताव का) कोई मतलब नहीं रह जाएगा.’’ 

उन्होंने सवाल किया, 'क्या इस्तीफा स्वेच्छा से दिया गया और असली वजह क्या है? क्या वे लोकतंत्र के विरूद्ध नहीं हैं?' 

केंद्र की भाजपा नीत सरकार पर प्रहार करते हुए गौड़ा ने कहा कि देश से राजनीतिक विपक्ष का सफाया करने के लिए ‘सुनियोजित तरीके से’ प्रयास चल रहा है और भाजपा द्वारा कर्नाटक में अभियान उसी प्रयास का हिस्सा है.

उन्होंने बागी विधायकों से अपने रुख पर पुनर्विचार करने की भी अपील की. 

भाजपा को संदेह है कि कांग्रेस जद(एस) सरकार बागी विधायकों को अपने पाले में करने के लिए विश्वास प्रस्ताव पर मत-विभाजन में देरी कर रही है. इन्हीं विधायकों के इस्तीफे की वजह से सरकार गिरने की कगार पर पहुंच गयी है.

राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को दो पत्र लिखे थे और शुक्रवार तक विश्वास मत पर मत-विभाजन पूरा करने को कहा था. उन्होंने आशंका प्रकट की थी कि देरी से विधायकों की खरीद-फरोख्त की गुजाइंश पैदा होती है. उन्होंने यह भी कहा था कि प्रथम दृष्टया उन्हें स्पष्ट हो चुका है कि सरकार विधानसभा का विश्वास खो चुकी है.

वरिष्ठ भाजपा नेता जगदीश शेट्टार और मधुस्वामी ने अध्यक्ष से कहा कि विश्वास प्रस्ताव पर प्रक्रिया सोमवार को पूरी कर ली जानी चाहिए और बहस अंतहीन नहीं खींची जानी चाहिए.

अध्यक्ष ने यह भी कहा कि विधायक दल के नेता को व्हिप जारी करने का अधिकार है.

अध्यक्ष ने कांग्रेस विधायी दल के नेता सिद्धरमैया से कहा, ‘‘व्हिप जारी करना आपका अधिकार है. उसका पालन करना विधायकों पर है. यदि मेरे पास कोई शिकायत आती है तो मैं नियमों का पालन करते हुए फैसला लूंगा.’’ 

सिद्धरमैया ने व्हिप जारी करने को लेकर उच्चतम न्यायालय द्वारा पिछले हफ्ते दिए गए आदेश के संबंध में एक सवाल उठाया था.

इस बीच, सरकार पर दबाव डालते हुए भाजपा ने मुख्यमंत्री से कहा कि अगर उन्हें संविधान और राज्य की जनता में विश्वास है तो वह ‘इस्तीफा दें और घर जाएं.’’ 

भाजपा ने कहा कि कुमारस्वामी स्वयं विश्वास प्रस्ताव लेकर आए हैं लेकिन उसकी प्रक्रिया पूरी करने में देरी कर रहे हैं.

पार्टी ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है, 'अगर आपको संविधान और राज्य की जनता में जरा सा भी विश्वास और उनके लिए सम्मान है तो आप इस्तीफा दें और घर जाएं.’’ 

भाजपा ने कन्नड़ भाषा में हैशटैग चलाया है ‘‘राज्य की जनता आपको माफ नहीं करेगी.'

विधानसभा अध्यक्ष के अलावा सत्तारूढ़ गठबंधन के पास 117 विधायक हैं जिनमें कांग्रेस के 78, जदएस के 37, बसपा के एक और एक नामित हैं.

दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिलने के साथ विपक्षी भाजपा के पास 225 सदस्यीय विधानसभा में 107 विधायक हैं. 

यदि 15 विधायकों (कांग्रेस के 12 और जदएस के 3) का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है या वे मत-विभाजन से दूर रहते हैं तो सत्तारूढ़ गठबंधन के पास संख्याबल 101 रह जाएगा और सरकार अल्पमत में आ जाएगी.

18:18 July 22

कर्नाटक: इस्तीफा दे सकते हैं एचडी कुमारस्वामी?

बेंगलुर. ऐसी खबरें निकल कर आ रही है कि कर्नाटक के सीएम एचडी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं. लेकिन इसकी कोई अभी तक पुख्ता जानकारी नहीं है. साथ ही यह भी खबर सुनने में आ रही थी कि कुमारस्वामी राज्यपाल से मुलाकात कर सकते हैं लेकिन सीएमओ ने कुमारस्वामी के राज्यपाल की मुलाकात की चर्चाओं से इनकार कर दिया है.

12:52 July 22

स्पीकर रमेश कुमार

स्पीकर ने विधायकों से कहा कि चाहे तो चर्चा आधी रात तक कर सकते हैं लेकिन विश्वास मत के लिए आज ही करानी है.

12:46 July 22

कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार विधानसभा पहुंचे

कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार विधानसभा पहुंचे. उन्होंने फ्लोर टेस्ट से पहले कहा कि जेडीएस त्याग करने के लिए तैयार है. नया मुख्यमंत्री कांग्रेस से बन सकता है.

बसपा विधायक एन महेश आज विधानसभ नहीं पहुंचे हैं. बसपा सुप्रीमो मायावती ने महेश से कर्नाटक सरकार के पक्ष में मतदान करने का आदेश दिया था.

11:03 July 22

बागी विधायकों से मिलेंगे स्पीकर रमेश कुमार

कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष के.आर. रमेश कुमार ने सोमवार को राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस-जनता दल (सेकुलर) के 15 बागी विधायकों को नोटिस भेज दिया. नोटिस में विधानसभा अध्यक्ष ने 15 बागी विधायकों से सत्तारूढ़ दलों (कांग्रेस और जद-एस) द्वारा उन्हें (बागी विधायकों) अयोग्य ठहराने की याचिका पर अपना जवाब दर्ज कराने के लिए मंगलवार पूर्वान्ह 11 बजे यहां स्थित उनके कार्यालय में मिलने के लिए कहा है. सत्तारूढ़ दल द्वारा सदन में विश्वास प्रस्ताव के दौरान उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किए जाने के बावजूद बागी विधायकों के अनुपस्थित रहने पर सत्तारूढ़ दलों ने विधानसभा अध्यक्ष से उन्हें अयोग्य ठहराने के लिए याचिका दायर की है.

11:03 July 22

सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनावाई से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के दो निर्दलीय विधायकों की याचिका पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया.

10:41 July 22

भाजपा विधायक विधानसभा पहुंचे

भाजपा विधायकों के साथ बीजेपी नेता बीएस येदिरुप्पा विधानसभा पहुंचे

10:41 July 22

फ्लोर टेस्ट के मद्देनजर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई

फ्लोर टेस्ट के मद्देनजर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई

10:41 July 22

विधायक विधानसभा के लिए रवाना

विधानसभा जाते भाजपा विधायक

09:48 July 22

कर्नाटक संकट लाइव अपडेट

विधानसभा जाते विधायक

बेंगलुरु: कर्नाटक में कांग्रेस-जद(एस) सरकार रहेगी या जाएगी, इस पर आज विधानसभा में फैसला होने की संभावना है. वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने भरोसा जताया है कि यह (सोमवार) कुमारस्वामी सरकार का आखिरी दिन होगा.

दरअसल, गठबंधन के विधायकों के इस्तीफों के बाद एच डी कुमारस्वामी नीत सरकार ने 19 जुलाई को बहुमत साबित करने के लिए राज्यपाल द्वारा दी गई दो समय-सीमाओं का पालन नहीं किया था. मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी द्वारा लाये गए विश्वास प्रस्ताव पर गठबंधन सरकार के चर्चा खींचने की अब भी कोशिशें करने की खबरों और उच्चतम न्यायालय से कोई ना कोई राहत मिलने की उम्मीद के बीच कांगेस तथा जद(एस) बागी विधायकों का समर्थन वापस हासिल करने के लिए अब तक प्रयासरत हैं.

इससे पहले कुमारस्वामी और कांग्रेस ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय का रूख कर आरोप लगाया था कि राज्यपाल ने उस वक्त विधानसभा की कार्यवाही में हस्तक्षेप किया, जब विश्वास मत पर चर्चा चल रही थी. साथ ही, उन्होंने 17 जुलाई के शीर्ष न्यायालय के आदेश पर भी स्पष्टीकरण मांगा है.

आदेश में कहा गया था कि बागी विधायकों को सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता.

शुक्रवार को दोपहर डेढ़ बजे की समय सीमा और विश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया शुक्रवार तक संपन्न करने की समय सीमा को नजदअंदाज किए जाने के बाद विधानसभा की कार्यवाही सोमवार के लिए स्थगित कर दी गई थी. 

सत्तारूढ़ गठबंधन ने समय सीमा का निर्देश देने की राज्यपाल की शक्तियों पर सवाल उठाया है और कुमारस्वामी ने उच्चतम न्यायालय के एक फैसले का उल्लेख किया है, जिसके मुताबिक राज्यपाल विधायिका के लोकपाल के रूप में काम नहीं कर सकता है.

पढ़ें-कर्नाटक में सरकार गिराने के लिए संसदीय प्रक्रिया का चीर हरण हो रहा है : कांग्रेस

विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने शुक्रवार को सदन की कार्यवाही स्थगित करने से पहले गठबंधन से यह वादा लिया था कि विश्वास मत सोमवार को निष्कर्ष पर पहुंच जाएगा. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी स्थिति में इसे और अधिक नहीं टाला जाए. 

विश्वास प्रस्ताव पर सत्तापक्ष द्वारा अपने विधायकों की लंबी सूची को बोलने का मौका दिये जाने पर जोर दिया है और चर्चा पूरी होनी बाकी है, ऐसे में राजनीतिक गलियारों में ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या सोमवार को विश्वास प्रस्ताव पर मतदान होगा और क्या सरकार इस प्रक्रिया को और नहीं टालने के अपने वादे को पूरा करेगी. 

यदि सत्तारूढ़ गठबंधन सोमवार को भी इसे टालने की कोशिश करती है तो फिर सारी नजरें राज्यपाल के अगले कदम पर होंगी. 

विश्वास प्रस्ताव पर मतदान की प्रक्रिया को सत्तारूढ़ गठबंधन द्वारा पूरा करने में की जा रही देर को बागी विधायकों को कांग्रेस-जद(एस) के मनाने की आखिरी पल तक की जा रही कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. 

सूत्रों के मुताबिक इस सिलसिले में कोशिशें की गई हैं लेकिन इसका कुछ ज्यादा लाभ अब तक नहीं मिल पाया है क्योंकि बागी विधायकों का दावा है कि उनमें से 13 एकजुट हैं और अपने इस्तीफे पर दृढ़ हैं तथा उनके लौटने का सवाल ही नहीं उठता है. 

इस बीच, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने रविवार को भरोसा जताया कि 'सोमवार' कुमारस्वामी नीत सरकार का आखिरी दिन होगा. 

येदियुरप्पा ने संवाददाताओं से कहा, 'मैं आश्वस्त हूं कि आज कुमारस्वामी सरकार का आखिरी दिन होगा. ' 

उन्होंने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ गठबंधन अनावश्यक रूप से वक्त जाया कर रहा है जबकि उसे पता है कि सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों को जारी किए गए व्हिप का कोई मतलब नहीं है. 

उन्होंने कहा, 'उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट रूप से कहा है कि मुंबई में ठहरे हुए 15 विधायकों को किसी भी सूरत में विधानसभा के मौजूदा सत्र में शामिल होने के लिए मजबूर नहीं किया जाए.'

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यह उन पर (विधायकों पर) निर्भर है कि वे इसमें (सत्र में) शामिल होना चाहते हैं या नहीं.' 

उन्होंने कहा कि इस स्थिति में व्हिप का कोई महत्व नहीं रह जाता, जो सत्तारूढ़ पार्टी भी जानती है.

पढ़ें-कर्नाटक संकट पर SC- कल होगा फ्लोर टेस्ट, स्पीकर करें फैसला

वहीं, भाजपा ने अपने विधायकों को एकजुट रखने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है और उसने सोमवार तक देखो और इंतजार करो की नीति अपनाई है. 

भाजपा सूत्रों ने बताया कि यदि शक्ति परीक्षण में और देर होती है तो इससे राजनीतिक गतिरोध बढ़ेगा जिससे भगवा पार्टी राज्यपाल का रूख करने को मजबूर होगी और यहां तक कि वह इसमें हस्तक्षेप के लिए शीर्ष न्यायालय का भी रूख कर सकती है. 

येदियुरप्पा ने पहले ही दावा किया है कि कांग्रेस- जद (एस) गठबंधन के पास महज 98 विधायक हैं और वह बहुमत खो चुका है. जबकि भाजपा के पास 106 विधायक हैं और वह एक वैकल्पिक सरकार के गठन के लिए सहज स्थिति में है. 

करीब 16 विधायकों -- कांग्रेस के 13 और जद(एस) के तीन विधायकों ने इस्तीफा दिया है. जबकि दो निर्दलीय विधयकों ने भी गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है और वे अब भाजपा का समर्थन कर रहे हैं.

Last Updated : Jul 22, 2019, 10:13 PM IST

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