नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने तीस हजारी कोर्ट परिसर में पुलिस और वकीलों के बीच हुई हिंसक झड़प के मामले में सुनवाई करते हुए घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिये हैं.
चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने रिटायर्ड जज जस्टिस एसपी गर्ग के नेतृत्व में जांच का आदेश दिया और कमेटी को छह महीने में जांच पूरी करने का निर्देश दिया.
सीबीआई, आईबी और विजिलेंस के निदेशक को निर्देश
दिल्ली हाई कोर्ट ने सीबीआई, आईबी और विजिलेंस के निदेशक को निर्देश दिया कि वे या तो खुद अथवा उनके द्वारा नियुक्त वरिष्ठ अधिकारी जस्टिस एसपी गर्ग की कमेटी को सहयोग करें.
कोर्ट ने दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वो जस्टिस एसपी गर्ग की कमेटी को जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे ऑफिस, कार, क्लर्क, स्टेनोग्राफर, चपरासी इत्यादि उपलब्ध कराएं.
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अभियुक्त पुलिस अफसरों को तुरंत सस्पेंड करने का आदेश
कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वह इस मामले के अभियुक्त पुलिस अफसरों को तुरंत सस्पेंड करे. उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई आंतरिक जांच रिपोर्ट आने के बाद की जाएगी. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि इस मामले में तुरंत एफआईआर दर्ज करें.
कोर्ट ने एफआईआर की कॉपी कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने दिल्ली सरकार को भी निर्देश दिया कि वह घायल वकीलों के इलाज की समुचित व्यवस्था करे.
कोर्ट ने घायल वकील विजय वर्मा को पचास हजार रुपये और अन्य घायल वकीलों को 15 हजार और दस हजार रुपये देने का आदेश दिया.
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीएन पटेल ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि कितनी एफआईआर दर्ज हुई हैं तो दिल्ली पुलिस ने कहा कि अब तक चार एफआईआर दर्ज की गयी हैं. एक एफआईआर भारतीय दंड संहिता की धारा 307 के तहत दर्ज की जाएगी.
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दिल्ली पुलिस ने सुनवाई के दौरान कहा कि झड़प के दौरान दो राउंड गोलियां चलायी गयीं, जिनमें तीन वकील घायल हुए हैं. घायल वकीलों में विजय वर्मा, सागर शर्मा और पंकज कुमार दुबे शामिल हैं.
दिल्ली पुलिस ने उन पुलिसकर्मियों के नाम भी बताये, जो इसमें लिप्त थे. दिल्ली पुलिस ने बताया कि इस झड़प में 14 बाइक और पुलिस की जिप्सी जलायी गयी हैं.
घटनास्थल की फोरेंसिक जांच
दिल्ली पुलिस ने बताया कि घटनास्थल की फोरेंसिक जांच की गयी है. डीसीपी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया है. जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गयी है.