नई दिल्ली :दिल्ली-एनसीआर में चल रहे अरबों रुपये के हवाला गिरोह के सरगना लुओ सांग उर्फ चार्ली पेंग को गिरफ्तार किया गया है. सांग पर चीनी खुफिया सर्विस का एजेंट होने का शक है. सांग पर चीन के मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट सिक्योरिटी (एमएसएस) से जुड़े होने का शक है.
शीर्ष खुफिया सूत्रों ने बताया कि जाली आधार कार्ड और यात्रा दस्तावेज के जरिए सांग ने चार्ली पेंग के नाम से नकली भारतीय पहचान बनाई थी. इससे पहले दिल्ली पुलिस ने उसे 2018 में जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया था.
तिब्बत के ल्हासा में चेंग गुआन जू का स्थायी निवासी लुओ सांग लगभग सात से आठ साल पहले ल्हासा में कथित तौर पर एमएसएस के संपर्क में आया था, जो चीन की बाहरी खुफिया एजेंसी के रूप में कार्य करती है.
सूत्रों का कहना है कि उसे शुरू में नेपाल भेजा गया था, जहां पर काठमांडू में चीनी दूतावास के अधिकारियों द्वारा उसकी मदद की गई थी. सूत्रों ने बताया कि वह मनी एक्सचेंज और हवाला ऑपरेशन के साथ ही अकाउंट संबंधी कार्यों में प्रशिक्षित है.
सूत्रों ने कहा कि इसके बाद वह तब भारत आया था, जहां वह तिब्बती शरणार्थियों और भारत में दलाई लामा के करीबी लोगों के ठिकानों पर गहनता से जानकारी जुटा रहा था.
13 सितंबर, 2018 को, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने लुओ सांग को भारत में जासूसी कार्यों में संलिप्त होने के आरोप में गिरफ्तार किया और उसके पास से मणिपुर से खरीदे गए एक जाली भारतीय पासपोर्ट को जब्त किया गया.
पूछताछ के दौरान, यह पता चला कि वह 2013 में भारत में आया और मणिपुर में बस गया. उसने एक भारतीय महिला से शादी की और किराए के घर में रहने लगा. पूर्वोत्तर राज्य में बिताए समय ने लुओ सांग को एक भारतीय पहचान प्राप्त करने में सक्षम बनाया, जो उसके आगे के कार्य के लिए आवश्यक था.