नई दिल्ली : दिसंबर 2019 में भारतीय संसद से नागरिकता कानून के पारित होने के बाद से भारत-बांग्लादेश रिश्ते में कुछ नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिले हैं. रविवार को गल्फ न्यूज को दिए इंटरव्यू के दौरान पहली बार बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे अनावश्यक बताया.
शेख हसीना ने यह भी दावा किया कि पीएम मोदी ने पिछले साल अक्टूबर में अपनी भारत यात्रा के दौरान उन्हें आश्वासन दिया था कि एनआरसी बांग्लादेश को प्रभावित नहीं करेगा.
पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत ने ईटीवी भारत से कहा कि शेख हसीना का यह बयान उनके घरेलू क्षेत्रों को लक्षित करता है.
ईटीवी भारत से बात करते अनिल त्रिगुणायत. इस सवाल पर कि क्या नए कानून पर भारत-बांग्लादेश के बिगड़ते संबंध बीजिंग के लिए एक अवसर के रूप में सामने आएंगे, त्रिगुणायत ने कहा, 'हमारे पड़ोसी इतने वर्षों में अधिक स्मार्ट हो गए हैं.'
उन्होंने कहा कि चीन ने उनके देश में निवेश करने में काफी रूचि दिखाई है. साथ ही वह अपने अंडे भारतीय टोकरी में भी रखना चाहते हैं, ताकि हमारी क्षमता और द्विपक्षीय सहायता से लाभ उठा सकें.
पूर्व राजनयिक ने पाकिस्तान का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान की सभी नीतियां भारत केंद्रित हैं, उन्होंने दावा किया कि कूटनीति न तो काली होती है और न ही सफेद होती है. उन्होंने दावा किया कि भारत मजबूत और भरोसेमंद संबंध बनाने के लिए पड़ोस में बहुत पैसा खर्च कर रहा है.
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बता दें कि नागरिकता कानून पास होने के बाद, बांग्लादेश ने भारत के साथ कई उच्चस्तरीय बैठकें रद कर दीं, जिसमें उसके विदेश मंत्री अब्दुल मोमेन की यात्रा भी शामिल थी.
इतना ही नहीं, बांग्लादेश प्रशासन ने विदेश राज्य मंत्री शाहरार आलम की भारत यात्रा भी रद कर दी. हालांकि बंग्लादेश ने तब दावा किया था कि आलम की यात्रा इस लिए रद कर दी गई कि उन्हें पीएम शेख हसीना के साथ यूएई जाना था.