सोनीपत : गोहाना के गांव मदीना की अंतरराष्ट्रीय महिला पहलवान टीना मलिक सरकार के रवैये से निराश हैं. टीना मलिक अंतरराष्ट्रीय महिला पहलवान हैं जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीत चुकी हैं. लेकिन सरकार ने अभी तक इन्हें इनकी इनामी राशी नहीं दी है. जिससे महिला पहलवान की डाइट पर असर पड़ रहा है.
किसान परिवार से है टीना
टीना मलिक किसान परिवार से ताल्लुक रखती हैं. उनके पिता सत्यवान किसान हैं. खेती के काम से जो थोड़ी बहुत आमदनी होती है. वो उससे अपनी बेटी का डायट पूरा करते हैं. टीना मलिक ने बताया कि पहलवान की डायट में काफी पैसा खर्च होता है. परिवार अन्य खर्च में कटौती कर के उनके ऊपर पैसा खर्च कर रहे हैं. पिता ने बताया कि अगर सरकार उनकी मदद नहीं करती है तो उनकी बेटी को पहलवानी छोड़नी पड़गी.
'सरकार दे इनामी राशि'
टीना ने बताया कि वो 2012 से कुश्ती कर रही है, उसने अपनी कड़ी मेहनत से देश के लिए मेडल जीते हैं. टीना ने छह बार नेशनल में गोल्ड जीते हैं. वहीं, एशियन गेम्स में दो गोल्ड और ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं. उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार ने खेल नीति के तहत मेडल जीतने पर इनामी राशि की घोषणा की है, जिसके हिसाब से 2015 से अबतक की इनामी राशि करीब 20 से 30 लाख रुपये तक बकाया है. हर साल इनाम राशि लेने के लिए मुझसे फॉर्म भरवाए जाते हैं लेकिन अभी तक किसी ने मुझे इनामी राशि के पैसे नहीं दिए हैं. उन्होंने बताया कि परिवार वाले कर्ज लेकर उनकी जरूरतें पूरी करते हैं.
'...नहीं तो बेटी को छोड़ना पड़ेगा खेल'
टीना मलिक के पिता सत्यवान ने बताया कि टीना नौ साल की उम्र से ही रेसलिंग कर रही है. मेरी बेटी टीना लगातार मेडल जीते, लेकिन इनाम राशि अभी तक नहीं मिली है. अभी तक सरकार की तरफ से हमें कोई भी मदद नहीं मिली है. उन्होंने बताया कि इनामी राशि लेने के लिए कई बार चंडीगढ़, पंचकूला और सोनीपत में मंत्रियों और खेल अधिकारियों के चक्कर लगा चुके हैं लेकिन अभी तक कोई भी राशि नहीं मिली है. अगर सरकार मदद नहीं करती तो मेरी बेटी को रेसलिंग छोड़नी पड़ेगी.
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