चंडीगढ़ : हरियाणा के किसानों के लिए ड्रिप सिस्टम वरदान साबित हो रहा है. किसानों का रुझान अब ड्रिप सिस्टम की ओर ज्यादा बढ़ रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि ड्रिप सिस्टम से एक तरफ पानी की बचत होती है, तो दूसरी तरफ किसान की लागत भी कम आती है. ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने ड्रिप सिस्टम को लेकर किसानों से बात की.
रेवाड़ी के किसान राजीव पिछले 1 साल से ड्रिप सिस्टम का इस्तेमाल खेती के लिए कर रहे हैं. उन्होंने हमें बताया कि ड्रिप सिस्टम कैसे लाभदायक है. उनका कहना है कि ड्रिप सिस्टम की मदद से पानी सिर्फ फसल तक जाता है. इससे खरपतवार में काफी कमी आती है. उन्होंने बताया कि पहले वो दिन में 7-8 घंटे पानी चलाते थे, लेकिन ड्रिप सिस्टम के बाद से वो सिर्फ आधा घंटा पानी चलाते हैं.
किसान राजीव ने बताया कि ड्रिप सिस्टम से एक किसान 70 से 80 प्रतिशत तक पानी की बचत कर सकता है. उन्होंने बताया कि ड्रिप सिस्टम से पानी फसल की जड़ों तक जाता है और अधिक पानी बर्बाद नहीं होता. उन्होंने दूसरे किसानों से अपील करते हुए कहा कि सभी किसान ड्रिप सिस्टम का इस्तेमाल करें, इससे पानी की बचत भी होती है और किसान की आय में भी वृद्धि होती है.
ड्रिप सिस्टम पर सरकार का पूरा ध्यान
ड्रिप सिस्टम प्रणाली को लेकर जिला बागवानी अधिकारी सत्यवीर शर्मा ने अधिक जानदारी दी. उन्होंने बताया कि वर्ष 2019-20 में10 हेक्टेयर खेती के लिए सवा तीन करोड़ और 2020-21 में 740 हेक्टेयर खेती के लिए साढ़े 4 करोड़ का बजट रखा गया है.
उन्होंने बताया कि किसान ऑनलाइन आवेदन कर इसका लाभ ले सकते हैं. समय-समय पर किसानों को विभाग द्वारा इसकी जानकारी दी जाती है. किसान अपना आवेदन ऑनलाइन पॉर्टल पर भेज कर स्कीम का लाभ ले सकते हैं. जिला बागवानी अधिकारी सत्यवीर शर्मा ने बताया कि एक एकड़ में मात्र 18 हज़ार का खर्च आता है.