दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

हरियाणा के कैबिनेट मंत्री नहीं खिला पाए कमल, सीएम और विज के अलावा सभी हारे - सीएम और विज के अलावा सबकी हुई हार

हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे बीजेपी के लिए बुरी खबर के साथ आए हैं. एक तो बीजेपी बहुमत का आंकड़ा नहीं छू पाई, दूसरी ओर सीएम मनोहर लाल खट्टर व कैबिनेट मंत्री अनिल विज को छोड़ अन्य सभी कैबिनेट मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा. यहां तक कि विधानसभा अध्यक्ष कंवरपाल गुर्जर भी अपनी सीट नहीं बचा सके. पढ़ें पूरी खबर...

सांकेतिक चित्र

By

Published : Oct 24, 2019, 10:08 PM IST

चंडीगढ़ : हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 के नतीजे आ चुके हैं. नतीजे बीजेपी के लिए बिल्कुल उलट साबित हुए हैं. बीजेपी 75 पार के नारे की बात कर रही थी, लेकिन नतीजों को देखकर पता लगता है कि बीजेपी सरकार में ज्यादातर मंत्री भी अपनी सीट नहीं बचा सके.

हरियाणा सरकार में वित्त मंत्री रहे कैप्टन अभिमन्यु ने अपनी हार स्वीकार कर ली है. कैप्टन अभिमन्यु नारनौंद (हिसार) विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे थे. बता दें कि नारनौंद से जेजेपी उम्मीदवार राम कुमार गौतम ने जीत दर्ज की है.

हरियाणा में कैप्टन अभिमन्यु भाजपा का सबसे बड़ा जाट चेहरा हैं. जाटों का प्रभाव पूरे हिसार क्षेत्र में है और इस समुदाय में अभिमन्यु की अच्छी पैठ मानी जाती है. ऐसे में भाजपा ने उन्हें नारनौंद से टिकट दिया, लेकिन इस बार ये समीकरण शायद बीजेपी के साथ नहीं रहे. कैप्टन अभिमन्यु पिछली बार इसी सीट से चुनाव जीते थे. लेकिन इस बार वह अपनी सीट नहीं बचा सके.

महेंद्रगढ़ से शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा हारे
महेंद्रगढ़ सीट बीजेपी उम्मीदवार रामबिलास शर्मा अपनी सीट इस बार नहीं बचा सके. उन्हें कांग्रेस के राव दान सिंह ने छठी बार की लड़ाई में मात दे दी है. दरअसल राव दान सिंह और रामबिलास शर्मा बड़े राजनीतिक प्रतिद्वंदियो में से एक माने जाते हैं. दोनों ही नेताओं ने महेंद्रगढ़ सीट पर समय-समय पर अपना दबदबा बना कर रखा, लेकिन इस बार राम बिलास शर्मा को यहां से हार का मुंह देखना पड़ा.

पढ़ें - हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019: बड़ा उलटफेर, कैथल से रणदीप सुरजेवाला हारे चुनाव

क्या था 2014 का समीकरण?
2014 के विधानसभा चुनाव में रामबिलास शर्मा ने हरियाणा कांग्रेस के दिग्गज नेता और तीन बार के विधायक रहे राव दान सिंह को करीब 35 हजार वोटों से करारी शिकस्त दी थी. रामबिलास शर्मा सन् 1982 से 2000 तक लगातार चार बार महेंद्रगढ़ सीट से विधायक रह चुके हैं. यहां उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है. वहीं, कांग्रेस के राव दान सिंह सन 2000 से लेकर 2014 तक यहां से विधायक रह चुके हैं. उन्होंने लगातार तीसरी बार यहां से जीत दर्ज की थी.

इसराना से बीजेपी उम्मीदवार कृष्णलाल पंवार हारे
इसराना विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार कृष्णलाल पंवार को भी हार का सामना करना पड़ा है. इसराना से कांग्रेस के बलबीर वाल्मीकि जीते हैं. कृष्णलाल पंवार हरियाणा सरकार में परिवहन मंत्री के पद पर रहे हैं, लेकिन वो भी अपनी सीट नहीं बचा सके.

इसराना विधानसभा सीट
इसराना (अनुसूचित जाति) विधानसभा सीट हरियाणा के करनाल लोकसभा क्षेत्र में आती है. ये निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. हरियाणा में हुए 2014 विधानसभा चुनाव में इसराना (अनुसूचित जाति) विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के कृष्ण लाल पंवार 40,277 वोट हासिल करते हुए विधायक निर्वाचित हुए थे. चुनाव में इस सीट पर दूसरे नंबर पर INC के बलबीर सिंह रहे थे, जिन्हें 38,449 वोट मिले थे.

पढ़ें - अनिल विज हो सकते हैं हरियाणा के अगले मुख्यमंत्री : सूत्र

बादली से ओम प्रकाश धनखड़ हारे
हरियाणा सरकार में कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ भी बादली विधानसभा क्षेत्र से हार गये हैं. कृषि मंत्री ओपी धनखड़ को कांग्रेस के कुलदीप वत्स ने हराया. 2014 के विधानसभा चुनावों की बात करें तो उस समय मुख्य मुकाबला बीजेपी के ओम प्रकाश धनखड़ और निर्दलीय चुनाव लड़ रहे कुलदीप वत्स के बीच हुआ था.

उन चुनावों में धनखड़ को 41549 वोट मिले थे जबकि वत्स में कुल 32283 मतदाताओं ने अपना भरोसा जताया था. तीसरे नंबर पर इंडियन नेशनल लोकदल की सुमित्रा धीरपाल सिंह थीं जिन्हें 16594 वोट मिले थे. कांग्रेस इस सीट पर चौथे नंबर पर खिसक गई थी और उसके कैंडिडेट नरेश कुमार को 14452 वोटों से संतोष करना पड़ा था.

बीजेपी सरकार की एकमात्र महिला मंत्री कविता जैन भी हारीं
हरियाणा की बीजेपी सरकार में एकमात्र महिला मंत्री रहीं और सोनीपत से चुनाव लड़ रहीं कविता जैन को हार का मुंह देखना पड़ा है. कविता को कांग्रेस के सुरेंद्र पंवार ने हराया है. इसके साथ ही कांग्रेस ने जाटलैंड में एक बार फिर से बीजेपी को पटखनी दे दी है.

सोनीपत से भाजपा के टिकट पर कविता जैन इससे पहले लगातार दो बार विधायक रही थीं. वह साल 2009 में और 2014 में इस सीट से विधायक चुनी गई थीं. आमतौर पर ये सीट कविता जैन का गढ़ रही है. हालांकि अगर पूरे सोनीपत की बात करें तो पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ माना जाता है.

कविता की हर भाजपा को बड़ा झटका
कविता जैन का इस सीट से हारना भाजपा और उनके लिए खुद बड़ा झटका माना जा रहा है. अगर बीजेपी में महिला नेताओं की बात करें तो कविता जैन का कद बहुत बड़ा है. वह दो बार विधायक के साथ मनोहर लाल सरकार में मंत्री हैं.

ये भी पढ़ें - आदमपुर विधानसभा सीट: टिक टॉक स्टार सोनाली फोगाट को कुलदीप बिश्नोई ने हराया

कंवरपाल गुर्जर को भी चखना पड़ा हार का स्वाद
हरियाणा विधानसभा के स्पीकर कंवरपाल गुर्जर को भी हार का सामना करना पड़ा है. उन्हें कांग्रेस के अकरम खान ने हराया है. बता दें कि अकरम खान पूर्व डिप्टी स्पीकर हैं. 2014 में जगाधरी सीट पर भाजपा के कंवरपाल गुर्जर ने भारी मतों से जीत हासिल की थी. कंवरपाल को 74203 वोट मिले थे जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी बसपा उम्मीदवार अकरम खान को 40047 वोट मिले थे.

कंवरपाल ने 36132 वोटों से जीत प्राप्त की थी. 2014 में जगादरी सीट पर तीसरे नंबर पर इनेलो के प्रत्याशी डॉ. बीएल सैनी रहे, जिन्हें 14794 वोट मिले थे. जबकि चौथे नंबर पर निर्दलीय प्रत्याशी उदयवीर सिंह रहे थे जिन्हें 10609 वोट मिले थे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details