हैदराबाद : कोरोना वायरस से फैली महामारी के बीच हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के शोधार्थियों ने घोषणा की है कि उन्हें कोरोना वायरस की वैक्सीन विकसित करने में बड़ी सफलता मिल है. मैसाचुसेट्स आई एंड इयर और मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल के शोधार्धियों ने दावा किया है कि वह AAVCOVID नाम कि एक प्रयोगात्मक वैक्सीन को विकसित करने में सफल रहे हैं.
यह वैक्सीन जीन आधारित है. वैक्सीन adeno-associated viral (AAV) vector आधारित तकनीक की मदद से जीन को कोशिकाओं के भीतर पहुंचाती है. AAV का इस्तेमाल SARS CoV-2 की सतह पर बनी कीलों के ऐंटिजेन के आनुवांशिक अनुक्रमों को कोशिकाओं तक पहुंचाने के लिए किया जाता है. इससे शरीर कोरोना वायरस के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेता है.
जीन थेरेपी के क्षेत्र में इस तकनीक का बड़े पैमाने पर उपयोग किया गया है. इसलिए AAV आधारित दवाएं बनाने के और उनका क्लिनिकल परीक्षण करने लिए हमारे पास पर्याप्त संसाधन और अनुभव हैं.
मैसाचुसेट्स आई एंड इयर में ग्रॉसबेक जीन थेरेपी सेंटर के निदेशक और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में नेत्र विज्ञान के एसोसिएट प्रोफेसर लुक एच वैंडेनबर्घे (Luk H. Vandenberghe) ने बताया कि वैक्सीन का विकास अभी प्रीक्लिनिकल चरण तक हो चुका है. इंसानों में इसका क्लिनिकल परीक्षण इस वर्ष के अंत तक किया जाएगा.